मिरर मीडिया संवाददाता, हजारीबाग: हजारीबाग के सदर एसडीओ अशोक कुमार के खिलाफ उनकी पत्नी अनिता कुमारी को जलाने का मामला सामने आया है। इस गंभीर आरोप में लोहसिंघना थाना में केस दर्ज किया गया है। पीड़िता की शुक्रवार रात इलाज के दौरान मौत हो गई। शनिवार को परिजनों ने अनिता का शव पोस्टमॉर्टम के बाद लोहसिंघना थाना के बाहर लाकर प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की।
परिजनों का आरोप: एसडीओ का पद का हो रहा है दुरुपयोग
अनिता के परिजनों का कहना है कि एसडीओ अशोक कुमार अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और अब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। परिजनों ने आरोपी को फांसी देने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया।

इस बीच, हजारीबाग के एसपी अरविंद कुमार सिंह ने बयान दिया है कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और कानून सबके लिए समान है। यदि कोई दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
अनिता कुमारी के भाई राजू कुमार गुप्ता की शिकायत पर एसडीओ अशोक कुमार, उनके पिता दुर्योधन साव, छोटे भाई शिवनंदन कुमार, और छोटे भाई की पत्नी रिंकू देवी को इस घटना में आरोपी बनाया गया है।

एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया है कि अशोक कुमार का किसी अन्य महिला के साथ अवैध संबंध था, जो अक्सर पति-पत्नी के बीच विवाद का कारण बनता था।
65 प्रतिशत तक झुलसी थी अनिता, इलाज के दौरान मौत
शिकायतकर्ता राजू कुमार ने बताया कि उनकी बहन को जलाने की घटना में वह 65 प्रतिशत तक झुलस गई थी।

इलाज के दौरान रांची के देवकमल अस्पताल में उनकी मौत हो गई। परिजनों का यह भी कहना है कि अनिता को जान से मारने की नीयत से तारपीन का तेल डालकर आग लगाई गई थी।
एसडीओ ने खुद को बताया निर्दोष
एसडीओ अशोक कुमार ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि उनकी पत्नी ने खुद पर तेल छिड़ककर आग लगाई। उन्होंने बताया कि घर में रंग-रोगन का काम चल रहा था और उन्होंने अनिता को मॉर्निंग वॉक पर जाने से रोका था, जिसके बाद यह घटना हुई।
2011 में हुई थी शादी, दो बच्चे हैं

राजू कुमार ने बताया कि उनकी बहन अनिता और अशोक कुमार की शादी 20 नवंबर 2011 को हुई थी। इस दंपति के दो बच्चे हैं— बेटा अलौकिक किसलय और बेटी आरोही कश्यप।
एसपी अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। जांच के आधार पर दोषियों को जेल भेजा जाएगा।
पिछले कुछ समय से चल रहा था विवाद
सूत्रों के अनुसार, अनिता और अशोक कुमार के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। इस घटना ने प्रशासन और समाज को झकझोर दिया है। अब देखना यह है कि इस मामले में कानून कब और कैसे अपना काम करता है।