जमशेदपुर। झारखंड एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ के आवाहन पर जिला पूर्वी सिंहभूम के एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ के नेतृत्व में जिले के सभी स्वास्थ्य कर्मी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध दर्ज करने हेतु अपने शरीर पर काला बिल्ला लगाकर कार्य कर रहे हैं प्रेस मीडिया के माध्यम से विभाग एवं राज्य सरकार को कहना है की एमपीडब्ल्यू की बहाली वर्ष 2008 में हुई थी लगभग 13 वर्ष बीत जाने के बावजूद आज तक का समायोजन विभाग में नहीं किया गया तथा वर्ष 2016 से आज तक 6 वर्ष के दौरान एमपीडब्ल्यू के मानदेय में एक रुपैया की वृद्धि नहीं किया गया जो कि विभाग एवं राज्य सरकार की उदासीनता को दर्शाता है जबकि एमपीडब्ल्यू अपने मूल कार्य के अलावा कोरोना काल में फ्रंट वर्कर के रूप में कार्य कर रहा है जिसको विभाग एवं राज्य सरकार भी भली-भांति मानती है लेकिन एमपीडब्ल्यू के आर्थिक कठिनाइयों की चिंता नाही विभाग कर रही है और ना ही सरकार झारखंड एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ की मुख्य मांगे निम्न प्रकार है 1.राज्य के सभी एमपीडब्ल्यू को आरसीएच के तर्ज पर अभिलंब विभाग में समायोजन किया जाए 2. विभाग में लंबित वेतन वृद्धि की संचिका को अभिलंब वित्त विभाग भेजने हेतु कैबिनेट की स्वीकृति करते हुए समायोजन होने तक वेतन में वृद्धि किया जाए जिस पर विभागीय मंत्री द्वारा अनुमोदन प्राप्त है 3. प्रदेश अध्यक्ष श्री पवन कुमार जी पर एसडीओ खूंटी द्वारा अभद्र व्यवहार करने हेतु नियम संगत कानूनी कार्रवाई किया जाए 4. कोरोना का कार्य कर रहे हैं सभी एमपीडब्ल्यू का 5000000/-रुपए का जीवन बीमा किया जाए 5. करोन का कार्य कर रहे सभी एमपीडब्ल्यू को 2020 की तरह एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाए 6. करोना कार्य में लगे सभी एमपीडब्ल्यू को टीए डीए की व्यवस्था किया जाए 7. कोरोना काल में सप्ताहिक छुट्टी एवं अन्य छुट्टी के दिन कार्य करने हेतु अतिरिक्त मानदेय की व्यवस्था किया जाए जब तक एमपीडब्ल्यू की सभी 7 सूत्री मांगों को माना नहीं जाता है तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा मांग नहीं पूरी होने पर जिले के सभी एमपीडब्ल्यू पूर्ण रूप से हड़ताल पर जा सकते हैं आज के विरोध प्रदर्शन में पूर्वी सिंहभूम जिले के समस्त एमपीडब्ल्यू शामिल थे।