मिरर मीडिया : झारखंड की मौजूदा राजनीतिक की आबोहवा उल्टी दिशा में बह रही है। यह कहना भी अतिश्योक्ति नहीं होगी की झारखंड में महागठबंधन की हेमंत सरकार किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति में पहुँच चुकी है तभी तो कभी खूंटी का लतरातू डैम तो कभी रायपुर पहुँच जाते हैं। बता दें कि झारखंड की सरकार मौजूदा संकट में विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए अपने 32 विधायकों को रायपुर भेजा है। रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे से एक विशेष विमान से विधायकों के साथ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डेय और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर सहित 41 लोग रायपुर लाए गए। यहां कांग्रेस नेताओं ने उन्हें रिसॉर्ट के ठहराया है। रिसॉर्ट के भीतर और बाहर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम कर दिए गए हैं। किसी को भी झारखंड के विधायकों से मुलाकात की इजाजत नहीं है।
जबकि इससे इतर इसी बीच रायपुर गए 4 मंत्री कल देर रात चार्टर्ड विमान से रांची लौटे उन्हें लेने रिसीव करने राजद कोटे से मंत्री सत्यानंद भोक्ता गए थे। कल शाम को रिसॉर्ट से कार के जरिए मंत्रियों को रायपुर हवाई अड्डे ले जाया गया। इनमें डॉ. रामेश्वर उरांव, आलमगिर आलम, बन्ना गुप्ता, बादल पत्रलेख और सत्यानंद भोक्ता शामिल हैं। हवाई अड्डे पर प्रेस से बात करते हुए झारखंड के मंत्री आलमगिर आलम ने कहा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में BJP ने क्या किया है यह सब जानते हैं। मुख्यमंत्री को ही डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। उसके बाद जो प्रचार किया गया, इसकी वजह से हमें एहतियातन यहां आना पड़ा है। उन्होने कहा, हमें किसी का डर नहीं है। हमारे पास पर्याप्त संख्या बल है। कल रांची में कैबिनेट की बैठक है उसमें शामिल होने वापस जा रहे हैं।