मिरर मीडिया : भारत निर्वाचन आयोग हेमंत सोरेन से खनन लीज मामले में 31 मई को सुनवाई करेगा। वही उनके भाई बसंत सोरेन से 30 मई को सुनवाई होगी। आयोग ने इस मामले में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं। आपको बता कि इस मामले में मुख्यमंत्री को 20 मई तक जवाब दाखिल करना था। उन्होंने अंतिम दिन शुक्रवार को अपने वकील के माध्यम से निर्वाचन आयोग के कार्यालय में जवाब जमा करवाया जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्पष्ट किया कि उनके पास फिलहाल कोई माईनिंग लीज नहीं है और उन पर लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह से राजनीतिक से प्रेरित हैं जबकि उनके भाई बसंत सोरेन 1 सप्ताह पहले ही इस संबंध में चुनाव आयोग को जवाब भेज चुके हैं।
इसके बाद आयोग ने सुनवाई की तिथि निर्धारित करते हुए 30 मई को बसंत सोरेन तथा 31 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं
बता दें कि भाजपा ने अनगड़ा प्रखंड में सीएम हेमंत सोरेन के पास पत्थर खनन लीज होने की शिकायत राज्यपाल से की थी। भाजपा का आरोप था कि सीएम पद पर रहते हुए अपने नाम पर स्टोन माइनिंग लीज लेना जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 9ए का उल्लंघन है। इसलिए मुख्यमंत्री के विधानसभा की सदस्यता खत्म होनी चाहिए। भाजपा की शिकायत पर राजपाल ने निर्वाचन आयोग से भारतीय संविधान की धारा 192 के तहत आयोग्य करार दिए जाने पर चुनाव आयोग से राय मांगी थी। चुनाव आयोग ने 2 मई को विशेष दूत भेजकर सीएम से 10 मई तक जवाब मांगा था लेकिन सीएम ने चार सप्ताह का समय मांगा था। जिसके बाद चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री को जवाब देने की अवधि डेढ़ हफ्ता के लिए बढ़ा दी थी और 20 मई समय निर्धारित किया गया था, 20 मई को हेमंत सोरेन ने इस मामले में अपना पक्ष चुनाव आयोग को भेज दिया। जिसके बाद चुनाव आयोग ने 31 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा।