Jharkhand में बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। बता दें कि
झारखंड के संताल परगना प्रमंडल में बांग्लादेशी घुसपैठ को रोकने को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी जिसपर झारखंड हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस एके राय की खंडपीठ में गुरुवार को सुनवाई हुई।
राज्य एवं केंद्र सरकार की उदासीनता पर जताई नाराजगी
गुरुवार को हुए सुनवाई के दौरान राज्य एवं केंद्र सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल नहीं किए जाने पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या केंद्र सरकार घुसपैठियों के देश में प्रवेश करने के बाद कार्रवाई करेगी?
6 जिलों के उपायुक्त पर टिप्पणी -ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर अब तक जवाब क्यों नहीं दाखिल किया गया
सुनवाई के दौरान अदालत के आदेश के आलोक में राज्य के 6 जिलों देवघर, दुमका, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ और जामताड़ा के उपायुक्तों द्वारा जवाब दाखिल नहीं किए जाने पर कोर्ट ने राज्य सरकार से भी कड़ी नाराजगी जताई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि जब संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिए के आने की बात हो रही है, ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर अब तक जवाब क्यों नहीं दाखिल किया गया?
जिलों के SP घुसपैठ का डाटा उपलब्ध कराने में उपायुक्तों को सहयोग करेंगे जबकि मुख्य सचिव इनकी निगरानी करेंगे
अदालत ने सभी उपायुक्तों को यह निर्देश दिया था कि आपसी सामंजस्य से बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों को चिह्नित कर उन्हें वापस भेजने की एक कार्ययोजना तैयार कर काम करें। संबंधित जिलों के एसपी घुसपैठ का डाटा उपलब्ध कराने में उपायुक्तों को सहयोग करेंगे। मुख्य सचिव इन सभी की निगरानी करेंगे।
उपायुक्तों को दोबारा शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश
अदालत ने कहा था कि कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास क्यों किया जा रहा है? अदालत ने देवघर, दुमका, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ और जामताड़ा के उपायुक्तों को दोबारा शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था।
मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को
झारखंड उच्च न्यायालय ने इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक, BSF के DG, मुख्य निर्वाचन आयुक्त और UIDAI के महानिदेशक को प्रतिवादी बनाया है। सभी को नोटिस जारी कर पक्ष रखने को कहा गया है। वहीं HC ने IB से सीलबंद रिपोर्ट अदालत में पेश करने के लिए कहा है। राज्य और केंद्र सरकार को फिर से जवाब पेश करने के लिए कहा गया है। बता दें कि मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को निर्धारित की गई है।
बांग्लादेशी घुसपैठिए फर्जी ढंग से बना रहें हैं आधार कार्ड और वोटर कार्ड
गौरतलब है कि दायर याचिका में अदालत को बताया गया कि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिए फर्जी ढंग से आधार कार्ड और वोटर कार्ड बना रहे हैं। वहां की आदिवासी लड़कियों से शादी कर उनकी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। बता दें कि इस संबंध में डेनियल दानिश ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। इसमें संथाल परगना के बांग्लादेश से सटी सीमावर्ती के जिलों में लगातार हो रहे घुसपैठ को रोकने की मांग की गई है।
घुसपैठियों की पहचान के लिए औचक निरीक्षण कर लोगों के आधार कार्ड एवं वोटर कार्ड का करें सत्यापन
इधर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि सरकार को संथाल परगना जैसे इलाकों में औचक निरीक्षण कर लोगों के आधार कार्ड एवं वोटर कार्ड का सत्यापन करना चाहिए, ताकि घुसपैठियों की पहचान हो सके। अदालत ने कहा कि झारखंड में घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें तुरंत निकालना जरूरी है, नहीं तो घुसपैठिए झारखंड आते रहेंगे। राज्य सरकार को झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस फोर्स को मजबूत कर घुसपैठियों को रोकना होगा।
राज्य एवं केंद्र सरकार दोनों को देश एवं राज्य में घुसपैठ पर मिलकर काम करना होगा
अदालत ने कहा कि राज्य एवं केंद्र सरकार दोनों को देश एवं राज्य में घुसपैठ पर मिलकर काम करना होगा। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने संथाल परगना के छह जिलों के उपायुक्तों की बजाय कनीय अधिकारियों द्वारा शपथपत्र दाखिल किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई थी।
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