नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 25वें गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार, 10 दिसंबर 2024 को अपने छह साल के ऐतिहासिक और चुनौतीपूर्ण कार्यकाल को पूरा कर पद से विदा ले लिया। उनकी जगह सरकार ने राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा को आरबीआई का नया गवर्नर नियुक्त किया है। मल्होत्रा आरबीआई के 26वें गवर्नर होंगे।
दास का कार्यकाल: चुनौतियों और उपलब्धियां
शक्तिकांत दास ने 12 दिसंबर 2018 को आरबीआई की कमान संभाली थी, जब तत्कालीन गवर्नर ऊर्जित पटेल ने अचानक इस्तीफा दे दिया था। उनके कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था ने कई बड़े उतार-चढ़ाव देखे। दास ने अपने कुशल प्रबंधन से बाजार की स्थिरता बनाए रखी और सरकार के साथ तालमेल बिठाते हुए नीतिगत फैसले लिए।
कोविड-19 महामारी के दौरान दास के नेतृत्व ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ी गिरावट से बचाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने रेपो दर को ऐतिहासिक 4% तक घटाकर लोन और लिक्विडिटी का प्रावधान सुनिश्चित किया। वहीं, महामारी के बाद आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि का भी प्रबंधन किया। उनके कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था की औसत वृद्धि दर 7% से अधिक रही।
दास के प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया। उन्हें अमेरिका स्थित ग्लोबल फाइनेंस पत्रिका ने दो बार ‘सर्वश्रेष्ठ केंद्रीय बैंकर’ घोषित किया। उनके नेतृत्व में आरबीआई ने 2024 की शुरुआत में 2.11 लाख करोड़ रुपये का अब तक का सबसे बड़ा लाभांश सरकार को दिया।
सरकार और आरबीआई के बीच बेहतर तालमेल
दास का कार्यकाल सरकार और आरबीआई के बीच तालमेल का एक उदाहरण रहा। उन्होंने हमेशा आम सहमति और संवाद के माध्यम से विवादित मुद्दों को सुलझाया। उनके गवर्नर बनने के बाद आरबीआई की स्वायत्तता का कोई बड़ा मुद्दा सामने नहीं आया।
शक्तिकांत दास का प्रशासनिक सफर
1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी शक्तिकांत दास ने वित्त और कराधान जैसे क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। वह नोटबंदी के समय आर्थिक मामलों के सचिव थे और बाद में 15वें वित्त आयोग के सदस्य और जी20 में भारत के शेरपा के तौर पर भी सेवाएं दीं। दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातकोत्तर दास ने अपनी प्रशासनिक यात्रा में शासन के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया।
संजय मल्होत्रा की नियुक्ति
अब आरबीआई की कमान संभालने वाले संजय मल्होत्रा का प्रशासनिक अनुभव उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाता है। उन्होंने राजस्व सचिव के रूप में कई अहम फैसलों में भागीदारी की है। मल्होत्रा को आरबीआई की नीतियों में स्थिरता बनाए रखने और नए आर्थिक परिवर्तनों को संभालने की जिम्मेदारी मिलेगी।