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Dhanbad में राष्ट्रपति के अधिकार वाली केसर ए हिंद जमीन पर भूमाफियाओं का अवैध निर्माण कैसे? : शिकायत के बाद अबतक कोई कार्रवाई क्यूं नहीं?

झारखंड में भूमाफियाओं द्वारा अवैध तरीके से जमीन कब्जा करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं मामला उजागर होने के बाद कई भू माफिया और अधिकारी पर ईडी ने शिकंजा भी कसा है बावजूद इस पर पूरी तरह रोक नहीं लग पाने से भू माफियाओं का मनोबल चरम पर है हालांकि एक के बाद एक करके कई भू माफिया, अंचलाधिकारी और कर्मी इसमे फंसते जा रहे हैं।

केसर ए हिंद की जमीन का है मामला

ताजा मामला धनबाद का है जहाँ केसर ए हिंद की जमीन जिसका कस्टोडियन डीजीएमएस है पर भूमाफियाओं एवं दबंग द्वारा सरकारी बोर्ड हटाकर उसे कब्जा कर इसकी चारों ओर चार दिवारी कर दी गई है विगत दिनों मामला संज्ञान में आने के बाद अधिकारी रेस भी हुए थे बावजूद अब तक इस पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होने से मामला अधर में लटका हुआ है। एक तरफ डीएमएस के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने जमीन से जुड़े सारे दस्तावेज और पत्र लिखकर जिले के अंचल अधिकारी से लेकर वरीय अधिकारी तक को अवगत कराया है और कार्रवाई की मांग की है बावजूद अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है।

अंचल अधिकारी से लेकर उपायुक्त तक कराया गया अवगत बावजूद अबतक कोई कार्रवाई नहीं

DGMS एडमिन के डायरेक्टर पीके सिंह ने बताया कि जुलाई महीने में ही उपायुक्त, एसडीएम, अंचल अधिकारी और पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत कराया गया हैं लेकिन अब तक ना तो वहां से चारदीवारी हटाया गया ना ही अवैध निर्माण को तोड़ा गया उन्होंने बताया कि सरायढेला मौजा की खाता संख्या 177,प्लॉट संख्या 2004,मौजा संख्या 8 की जमीन को कब्जा मुक्त कराने एवं कानूनी कार्यवाई का आग्रह किया गया है, जिसके दवा जिसके द्वारा उक्त जमीन पर दावा किया जा रहा था वह बहुत पहले ही कोर्ट से केस हार चुका है कोर्ट से डिग्री भी उन्हें मिल चुकी है, सारे दस्तावेज भी उपलब्ध कराया जा चुके हैं बस अब जिला प्रशासन  के तरफ से पहल कर कार्यवाही की जरूरत है।

बहुत जल्द अवैध कब्जा को खाली करा दिया जाएगा – अंचल अधिकारी शशिकांत शिंकर

वहीं पूरे मामले पर जब अंचल अधिकारी शशिकांत शिंकर से वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि डीजीएमएस की जमीन पर कब्जे की शिकायत उन्हें प्राप्त हुई है। अमीन से जमीन की मापी करवाई गई है बहुत जल्द अवैध कब्जा को खाली करा दिया जाएगा।

तात्कालिन CO की मिलीभगत से सरकारी जमीन को रैयत के नाम पर दर्शाते हुए पंजी 2 में चढ़ा दिया गया

बता दे की इससे पूर्व इसी जमीन के खिलाफ स्थानीय मुखर होकर खड़े हुए थे और विधायक राज सिन्हा से मुलाकात कर भूमाफियाओं के मंसूबे को नाकाम करने की मांग की थी स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया था कि फर्जीवाड़ा करके तात्कालिक अंचलाधिकारी की मिली भगत से सरकारी जमीन को रैयत के नाम पर दर्शाते हुए पंजी 2 में चढ़ा दिया गया है।

पहले जमीन डीजीएमएस के कब्जे में थी अब भूमाफियाओं नें बाउंड्री कर कब्जा जमा लिया

डीजीएमएस के अधिकारियों की माने तो यह जमीन डीजीएमएस के कब्जे में है और इसके दूसरे हिस्से में CPWD के अधिकारियों के क्वार्टर भी बने हुए हैं कुछ साल पहले जब मदन मोहन झा धनबाद डीसी थें उसवक्त सरायढेला थाना की बिल्डिंग निर्माण कार्य उक्त जमीन पर शुरू हुई थी तब डीजीएमएस ने आपत्ति जताकर थाना के बिल्डिंग निर्माण कार्य को रुकवा दिया था, तब से यह जमीन ऐसे ही पड़ी हुई है लेकिन भू माफिया और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत की वजह से इस पर बाउंड्री करने में भू माफिया कामयाब हो गए और जमीन पर कब्जा हो गया।

राष्ट्रपति के अधिकार वाली केसर ए हिंद की जमीन पर अवैध निर्माण कैसे?

अब सवाल यह उठता है कि जब यह जमीन केसर ए हिंद की है जिसका मालिक सिर्फ राष्ट्रपति होते हैं तो फिर इस पर अवैध निर्माण कैसे हो गए अधिकारियों के संज्ञान में मामला आने के बाद अब तक भू माफियाओं पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। किसके सह पर भु माफियाओं ने चार दिवारी का निर्माण कर वहाँ ताला जड़ दिया। क्या वाकई में उक्त भूखंड केसर ए हिंद है या डीजीएमएस द्वारा किया गया दावा गलत है।

बहरहाल जो भी हो पर उठ रहे सारे सवाल के जवाब अनसुलझे हैं और संबंधित अधिकारियों के कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं हालांकि धनबाद एसडीएम उदय रजक ने भी मामले पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने की बात कही है। अब देखना ये है कि कितनी जल्दी जांच कर भू माफिया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होती है और अवैध निर्माण को तोड़ने के आदेश जारी होते हैं।

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KK Sagar
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