रामगढ़ जिले के रांची रोड इलाके में हवा, पानी और मिट्टी—तीनों पर प्रदूषण का साया गहराता जा रहा है। यहां का पूरा वातावरण एक साइलेंट किलर की चपेट में है, जिसका स्रोत रांची रोड स्थित बिहार फाउंड्री लिमिटेड (BFCL) से निकलने वाला औद्योगिक प्रदूषण बताया जा रहा है। वर्षों से झेल रहे इस जहरीले माहौल के खिलाफ अब जनता का आक्रोश सड़कों पर फूट पड़ा है।
जनता ने निकाला विशाल पैदल मार्च
भारी प्रदूषण से त्रस्त स्थानीय लोगों ने रांची रोड से नइशाराई तक विशाल पैदल मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों के हाथों में बैनर और पोस्टर थे, जिन पर स्वच्छ हवा और स्वस्थ जीवन की मांग लिखी थी। यह प्रदर्शन केवल विरोध नहीं, बल्कि लोगों के लिए जीवन और मृत्यु का सवाल बन चुका है।
बीमारियों का बढ़ता खतरा
स्थानीय निवासियों का कहना है कि BFCL से निकलने वाले धुएं और अपशिष्ट के कारण इलाके में सांस संबंधी बीमारियां, त्वचा रोग और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। बच्चों और बुजुर्गों पर इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है।
क्यों नहीं होती ठोस कार्रवाई?
प्रदर्शनकारियों ने सवाल उठाया कि सालों से यह समस्या बनी हुई है, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान क्यों नहीं हुआ। लोगों का आरोप है कि प्रशासनिक कार्रवाई केवल कागजों तक सीमित रह जाती है, जबकि जमीनी स्तर पर हालात जस के तस बने हुए हैं। अधिकारियों द्वारा दिए गए आश्वासन भी महज खानापूर्ति साबित हो रहे हैं।
स्वच्छ हवा मौलिक अधिकार
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि स्वच्छ हवा में सांस लेना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। औद्योगिक विकास की आड़ में आम जनता के स्वास्थ्य से समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता।
पूरे जिले के लिए चेतावनी
यह मुद्दा सिर्फ रांची रोड तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे रामगढ़ जिले के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। लोगों ने आशंका जताई कि जिले के अन्य इलाकों में भी ऐसी ही स्थितियां पनप सकती हैं।
प्रशासन से ठोस कदम की मांग
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में तत्काल गंभीरता दिखाते हुए निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कराई जाए तथा BFCL पर प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अब वे केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस और स्थायी समाधान चाहते हैं।

