मिरर मीडिया : सीमित संसाधन को देखते हुए जरुरत के हिसाब से वैकल्पिक खोज की जाती रहीं है। उसपर से भी वाहनो की बात करें तो देश में पेट्रोल और डीजल के रेट लगातार बढ़ रहे हैं। लिहाज़ा लोग पेट्रोल और डीजल के विकल्प के रूप में सीएनजी जैसे ईंधन पर भरोसा कर रहे हैं। इसके साथ ही हाइड्रोजन कार भी विकल्प के तौर पर सामने आ गई है। आपको बता दें कि बुधवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस हाइड्रोजन कार पर सवार होकर संसद पहुंचे।

नितिन गडकरी ने इस दौरान कहा कि आत्मनिर्भर बनने की दिशा में हमने ग्रीन हाइड्रोजन को प्रस्तुत किया है, जो कि पानी से मिलती है। यह कार पायलट प्रोजेक्ट है। अब ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन देश में किया जाएगा। इससे रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। सरकार ने इसके लिए 3000 करोड़ रुपये का मिशन तय किया है। जल्द ही भारत ग्रीन हाइड्रोजन का निर्यात भी करेगा। जहां भी कोयला इस्तेमाल हो रहा है, वहां ग्रीन हाइड्रोजन इस्तेमाल होगी।
एक बार टंकी फुल कराने के बाद यह हाइड्रोजन कार लगभग 650 किलोमीटर चलेगी। 2 रुपए प्रति किलोमीटर का खर्च इस हाइड्रोजन कार से सफर में आएगा। सिर्फ 5 मिनट में इसमें फ्यूल भरा जा सकता है।