देश: असम विधानसभा में बरसों पुराने असम मुस्लिम मैरिज एक्ट को खत्म करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि वह बाल विवाह की कुरीति को अगले दो सालों में राज्य से एकदम खत्म कर देंगे।
सरमा ने कहा कि वह अपने जीते जी राज्य में बाल विवाह को होने नहीं देंगे। राज्य सरकार के पास 2026 तक बाल विवाह को पूरी तरह से खत्म करने की एक योजना है। सीएम ने कहा कि वह राज्य में समान नागरिक संहिता को खुलेआम सामने के दरवाजे से लाएंगे। यूसीसी का परंपरागत प्रथाओं और कुप्रथाओं से कोई लेना-देना नहीं है।
असम विधानसभा में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री सरमा ने विपक्षी एआइयूडीएफ विधायकों को चेतावनी देते हुए कहा कि में आपको चुनौती देता हूं आप सबकी दुकानें बंद कर दूंगा। असम मुस्लिम मैरिज एक्ट के प्रविधान पांच-छह साल के बच्चों के बाल विवाह कर दिए जाते हैं। इसीलिए हमने यह अधिनियम हटाया है। मुस्लिम बच्चों को लेकर किया जाने वाला कोई धंधा अब मैं करने नहीं दूंगा। जब तक हिमंता बिस्व सरमा जिंदा है, असम में बाल विवाह नहीं होने देंगे।
मालूम हो कि इससे पहले शुक्रवार को असम मुस्लिम मैरिज- डाइवोर्स एक्ट 1935 को राज्य सरकार ने हटा दिया था। असम के कैबिनेट मंत्री जयंत मालाबरुआ ने कहा कि यह कुप्रथा इस कानून के जरिये ब्रिटिश शासनकाल में शुरू की गई थी। असम सरकार ने इसके खिलाफ अभियान की शुरुआत पिछले साल फरवरी में की थी। इस अभियान के दौरान 3,483 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।