मैं आरजेडी में लौटने से बेहतर मौत को चुनूंगा” — तेज प्रताप यादव का तेजस्वी पर बड़ा हमला, बोले पिता की छत्रछाया में हैं छोटे भाई

KK Sagar
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बिहार विधानसभा चुनाव में इस वक्त प्रचार अभियान पूरे जोरों पर है और इसी बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने बड़ा बयान देकर सियासी हलचल बढ़ा दी है। परिवार से निष्कासित होने के बाद पहली बार चुनावी मैदान में उतरे तेज प्रताप ने अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) बनाई है और 40 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। वह खुद महुआ सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

“तेजस्वी पिता की छत्रछाया में हैं”

तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पर सीधा हमला करते हुए कहा, “तेजस्वी पर पिता लालू यादव की छत्रछाया है। अगर उनमें हिम्मत है, तो बिना पिता के सपोर्ट के चुनाव लड़कर दिखाएं।”
उन्होंने कहा कि सत्ता उसी को मिलती है जिसे जनता का आशीर्वाद प्राप्त होता है, न कि परिवार या पार्टी के नाम पर।

“मैं सत्ता का भूखा नहीं, आत्मसम्मान सर्वोपरि”

समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में तेज प्रताप ने कहा, “मैं आरजेडी में लौटने से बेहतर मौत को चुनूंगा। मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं। मेरे लिए सिद्धांत और आत्मसम्मान सर्वोपरि है।”
उन्होंने कहा कि जनता की सेवा उनके जीवन का उद्देश्य है। महुआ की जनता जानती है कि जब वह विधायक थे, तब उनकी समस्याओं को प्राथमिकता दी जाती थी।

महुआ सीट से फिर मैदान में

तेज प्रताप ने कहा कि वह राजनीति में आने से बहुत पहले से महुआ क्षेत्र से जुड़े रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि यहां के लोग अब भी उनसे प्यार और भरोसा करते हैं। मौजूदा आरजेडी विधायक मुकेश रौशन पर उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि वे उन्हें किसी बड़ी चुनौती के रूप में नहीं देखते।

दादी के आशीर्वाद से किया नामांकन

नामांकन दाखिल करते समय तेज प्रताप ने अपनी दिवंगत दादी मरिचिया देवी की तस्वीर लगाई थी। उन्होंने कहा, “उन्हीं के आशीर्वाद से मेरे पिता राजनीति में आगे बढ़े थे। माता-पिता से बात भले न हुई हो, लेकिन मुझे पता है उनका आशीर्वाद मेरे साथ है।”

“तेजस्वी मेरा छोटा भाई है, उस पर सुदर्शन चक्र नहीं चला सकता”

अपने भाई तेजस्वी के साथ रिश्ते पर तेज प्रताप ने कहा, “वह मेरा छोटा भाई है, उस पर मेरा आशीर्वाद हमेशा रहेगा। मैं उस पर सुदर्शन चक्र नहीं चला सकता।”
तेजस्वी को महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने पर उन्होंने कहा, “राजनीति में घोषणाएं होती रहती हैं, लेकिन सत्ता वही पाता है जिसे जनता का आशीर्वाद मिलता है।”

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