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महाकुंभ हादसे पर भावुक हुए सीएम योगी, न्यायिक जांच के आदेश : व्यवस्था संभालने के लिए IAS आशीष गोयल और IAS भानु गोस्वामी की प्रतिनियुक्ति

मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में हुए दर्दनाक हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद भावुक हो गए। हादसे की जानकारी साझा करते समय उनकी आँखें नम हो गईं। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार करेंगे। उनके साथ पूर्व डीजी वी.के. गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डी.के. सिंह इस जांच समिति में शामिल होंगे।

गहराई से होगी हादसे की जांच

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा,
“प्रशासन ने कई दौर की समीक्षा बैठकें की थीं, फिर भी यह हादसा कैसे हुआ? इसकी गहन जांच होगी।”
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए ₹25-25 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है। साथ ही, मुख्य सचिव और डीजीपी को निर्देश दिया गया है कि वे गुरुवार को प्रयागराज पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण करें और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

सीएम योगी ने आपातकालीन बैठक बुलाकर दिए निर्देश

मौनी अमावस्या के पर्व पर हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ने देर रात शासन स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान प्रयागराज, कौशाम्बी, वाराणसी, अयोध्या, मीरजापुर, बस्ती, जौनपुर, चित्रकूट, बांदा, अंबेडकरनगर, प्रतापगढ़, संत कबीर नगर, भदोही, रायबरेली और गोरखपुर समेत कई जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मेले में सुरक्षा व्यवस्था और सख्त की जाए और श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष उपाय किए जाएं।

30 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल

प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित महाकुंभ मेले में बुधवार को मौनी अमावस्या के पर्व पर हुए हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। मेला अधिकारी विजय किरन आनंद और डीआईजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने इस घटना की पुष्टि की है। डीआईजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने बताया कि अब तक 25 मृतकों की पहचान कर ली गई है, जबकि 5 अन्य की शिनाख्त की प्रक्रिया जारी है। इस भगदड़ में घायल हुए 36 श्रद्धालुओं को मोतीलाल नेहरू राजकीय मेडिकल कॉलेज के एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

हेल्पलाइन नंबर जारी

मृतकों के परिजनों की मदद के लिए मेला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी कर दिया है, ताकि वे अपने प्रियजनों की जानकारी प्राप्त कर सकें।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ बनी हादसे की वजह

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के पावन स्नान के लिए इस बार श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी। बुधवार रात 8 बजे तक 7 करोड़ 64 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पुण्य की डुबकी लगाई थी। इनमें से 10 लाख कल्पवासी और 7 करोड़ 54 लाख आम श्रद्धालु शामिल थे। मेला प्रशासन के अनुसार, 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा से शुरू हुए इस महाकुंभ मेले में अब तक 29 जनवरी तक 27 करोड़ 58 लाख श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं।

हादसे के बाद सुरक्षा में किए गए बड़े बदलाव

इस भगदड़ की घटना के बाद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर 5 बड़े बदलाव किए हैं:

  1. मेला क्षेत्र को पूरी तरह “नो व्हीकल जोन” घोषित किया गया है।
    • 30 जनवरी से 4 फरवरी तक किसी भी प्रकार का वाहन मेले में प्रवेश नहीं कर सकेगा।
    • VVIP पास 4 फरवरी तक रद्द कर दिए गए हैं।
    • VVIP स्नान और एस्कॉर्ट गाड़ियों के काफिले पर रोक लगा दी गई है।
    • केवल बाइक, एंबुलेंस, नगर निगम और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां अंदर आ-जा सकेंगी।
  2. श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए नया यातायात प्रबंधन लागू
    • स्नान घाट जाने के लिए एक अलग मार्ग और बाहर निकलने के लिए दूसरा मार्ग निर्धारित किया गया है।
    • रास्तों को वन-वे किया गया है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
  3. प्रयागराज में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर रोक
    • प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले चार पहिया वाहनों को शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
  4. अनुभवी अधिकारियों की तैनाती
    • महाकुंभ की व्यवस्था संभालने के लिए IAS आशीष गोयल और IAS भानु गोस्वामी को तत्काल प्रयागराज भेजा गया है।
    • 2019 अर्धकुंभ के दौरान इन दोनों अधिकारियों ने सफलतापूर्वक आयोजन की जिम्मेदारी संभाली थी।
    • इनके अलावा 5 विशेष सचिव रैंक के अधिकारियों को भी महाकुंभ में भेजा गया है, जो पहले भी बड़े आयोजनों का अनुभव रखते हैं।
  5. सुरक्षा और निगरानी को और मजबूत किया जाएगा
    • संगम क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जा रही है।
    • CCTV निगरानी बढ़ाई जाएगी और भीड़ नियंत्रण के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा।

हादसे के पीछे प्रशासनिक चूक या भारी भीड़?

प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त इंतजाम किए थे, लेकिन इस बार श्रद्धालुओं की संख्या अनुमान से कहीं ज्यादा थी। इसी वजह से अचानक भगदड़ मच गई। हालाँकि, इस घटना की न्यायिक जांच के बाद ही असली कारणों का पता चल सकेगा।

मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजे का ऐलान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिजनों को ₹25-25 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है।

अगले स्नान पर्वों पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी

महाकुंभ मेले में अभी 4 फरवरी को महत्वपूर्ण स्नान पर्व आने वाला है, जिसे देखते हुए प्रशासन ने पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। स्नान पर्व के दौरान भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं ताकि भविष्य में इस तरह की कोई अनहोनी न हो।

KK Sagar
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