रांची: झारखंड सरकार ने चर्चित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के निलंबन को समाप्त कर दिया है। अब वे राज्य सरकार के कार्मिक विभाग में अपनी सेवाएं देंगी। मालूम हो कि मनरेगा घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में गिरफ्तार पूजा सिंघल को लगभग 28 महीने जेल में बिताने के बाद 7 दिसंबर 2024 को पीएमएलए कोर्ट से जमानत मिली थी।
मनरेगा घोटाले में हुई थी गिरफ्तारी
ईडी ने 11 मई 2022 को पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया था। इससे पहले, 6 मई 2022 को खूंटी जिले में हुए मनरेगा घोटाले को लेकर उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई थी, जिसमें उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार सिंह के पास से करीब 19 करोड़ रुपये नगद बरामद हुए थे। गिरफ्तारी के बाद से ही वे न्यायिक हिरासत में थीं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी बेटी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक महीने की अंतरिम जमानत दी थी, जिसके दौरान उन्हें दिल्ली-एनसीआर में रहना पड़ा था।
मुख्य सचिव की कमेटी ने दी अनुशंसा
झारखंड सरकार के कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग ने आईएएस पूजा सिंघल के निलंबन को समाप्त करने का आदेश जारी किया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने उनके निलंबन को खत्म करने की अनुशंसा की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।
अब कार्मिक विभाग में करेंगी योगदान
आदेश के अनुसार, पूजा सिंघल अब झारखंड सरकार के कार्मिक विभाग में योगदान देंगी। इस फैसले के बाद प्रशासनिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं, वहीं सरकार के इस कदम को कई तरह से देखा जा रहा है।
मनरेगा घोटाले से जुड़े इस मामले में जांच अभी भी जारी है, लेकिन पूजा सिंघल की बहाली सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है।