इस साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। बयानबाजियों का दौर जारी है। इस बीच विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख मुकेश सहनी ने निषाद समाज के लिए आरक्षण की डिमांड कर सियासी हलचल और तेज कर दी है।मुकेश सहनी ने कहा है, अगर नरेंद्र मोदी, निषाद आरक्षण देते हैं तो वह उनके लिए जान दे सकते हैं।हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें पीएम मोदी से निषाद समाज के लिए आरक्षण की कोई उम्मीद नहीं है।

मैं अपने प्राण दे दूंगा, पहले वो आरक्षण दें-सहनी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले ‘सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से मशहूर मुकेश सहनी ने निषाद आरक्षण की मांग करते हुए बड़ा बयान दिया है। सीतामढ़ी पहुंचे मुकेश सहनी से पत्रकारों ने पूछा कि बीजेपी कह रही है कि वीआईपी के लिए एनडीए गठबंधन के दरवाजे खुले हैं। इसपर मुकेश सहनी ने कहा, सबसे पहले वो आरक्षण दें, अगर वह आरक्षण देते हैं तो कोई मेहरबानी नहीं करेंगे। जब पश्चिम बंगाल में निषाद समाज को आरक्षण, दिल्ली में आरक्षण है तो बिहार में क्यों नहीं है। मुकेश सहनी ने कहा कि अगर मोदी जी अगर निषाद समाज को आरक्षण देंगे तो उनके लिए प्राण भी दे देंगे।
कल हम नहीं रहेंगे तो भी देश चलता रहेगा
मुकेश सहनी ने कहा, आज नरेंद्र मोदी हमारे प्रधानमंत्री हैं। उनके पहले भी हमारा देश शान से चल रहा था। कल जब हम नहीं रहेंगे तो भी यह देश चलता रहेगा। गुजरात के लोग बिहार का भला नहीं कर सकते हैं। बिहार का भला बिहार के ही लोग कर सकते हैं। ये बिहार के लिए ट्रेन जरूर दे देंगे ताकि आप ट्रेन में बैठकर गुजरात जाएं और मजदूरी करें।
वोट लेने के लिए पांच किलो अनाज दिया जा रहा-सहनी
पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने यह भी कहा कि लोगों के लिए किसी प्रकार की कोई पॉलिसी नहीं है। केवल वोट लेने के लिए पांच किलो अनाज दिया जा रहा है। सरकार को काम करके सत्ता में रहना चाहिए। अगर कोई काम करने वाला नेता है तो उसे काम करना चाहिए। अगर वह काम नहीं कर पा रहा है तो उसे अपनी कुर्सी छोड़ देनी चाहिए, किसी और को मौका देना चाहिए। यह देश किसी के लिए भी रुका नहीं है।
सहनी की मांग से महागठबंधन में तनाव बढ़ा
मुकेश सहनी का यह बयान महागठबंधन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। 2020 में सहनी ने तेजस्वी पर धोखा देने का आरोप लगाकर महागठबंधन छोड़ दिया था। तब उन्होंने सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, लेकिन बाद में एनडीए के साथ गठबंधन कर लिया। 2024 के लोकसभा चुनाव में सहनी फिर महागठबंधन में लौटे, जहां आरजेडी ने उन्हें गोपालगंज, मोतिहारी और झंझारपुर की तीन सीटें दी थीं। अब सहनी की 60 सीटों की मांग ने गठबंधन में तनाव पैदा कर दिया है।