धनबाद: जीएसटी कर का भुगतान नहीं करने वाले व्यापारियों के खिलाफ वाणिज्य कर विभाग ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। विभाग ने ऐसे 435 व्यापारियों की पहचान कर ली है, जिनके ऊपर आठ करोड़ रुपये से अधिक का जीएसटी बकाया है। अब इन व्यापारियों के बैंक खातों को अटैच करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
बकायेदारों के खिलाफ सख्त कदम
राज्य वाणिज्य कर विभाग ने धनबाद, झरिया, चिरकुंडा और कतरास अंचल में जीएसटी बकायेदारों की पहचान की है। इनमें धनबाद अंचल के 35, झरिया अंचल के 105, चिरकुंडा अंचल के 250 और नगरीय अंचल के 45 व्यवसायी शामिल हैं।
पहले चरण में विभाग ने इन बकायेदारों को नोटिस जारी कर उन्हें न्यायालय में अपील करने या बकाया कर जमा करने का समय दिया था। लेकिन कई व्यापारियों ने न तो टैक्स जमा किया और न ही किसी प्रकार की अपील की। अब विभाग ने सभी संबंधित बैंकों को पत्र भेजकर इन व्यापारियों के बैंक खाते अटैच करने का निर्देश दिया है।
लेनदेन पर लगेगी रोक
बैंक खाते अटैच होने के बाद व्यापारियों के लिए किसी भी प्रकार का वित्तीय लेनदेन करना संभव नहीं होगा। उनके खाते तब तक सीज रहेंगे जब तक कि वे अपनी बकाया जीएसटी राशि का भुगतान नहीं कर देते।
अगर किसी व्यापारी पर एक लाख रुपये का जीएसटी बकाया है और उसके बैंक खाते में इतनी ही राशि मौजूद है, तो उसे सीधे सीज कर लिया जाएगा। इसी तरह, जिन व्यापारियों पर 30 हजार रुपये से लेकर लाखों रुपये तक का बकाया है, उन्हें नोटिस जारी किया गया है और उन्हें जल्द से जल्द भुगतान करने का निर्देश दिया गया है।
28 फरवरी तक चलेगा वसूली अभियान
राज्य कर विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि 28 फरवरी तक यह विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसमें पूरी ताकत से जीएसटी वसूली की जाएगी। मंत्री के निर्देश के बाद विभाग ने वसूली की प्रक्रिया को और तेज कर दिया है।
31 मार्च 2025 तक बकायेदारों से राशि वसूलने का लक्ष्य रखा गया है। इसलिए, यदि व्यापारियों ने समय पर कर भुगतान नहीं किया, तो उनके खिलाफ और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें संपत्तियों की कुर्की भी शामिल हो सकती है।
सरकार की कड़ी नजर
सरकार टैक्स चोरी को लेकर बेहद सख्त है और बार-बार चेतावनी के बावजूद कर जमा न करने वालों पर कार्रवाई जारी रखेगी। विभाग ने सभी व्यापारियों से अपील की है कि वे समय पर जीएसटी का भुगतान करें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। वहीं विगत दिनों झारखंड के वित्त मंत्री ने भी अपने धनबाद के दौरे पर टैक्स चोरी को लेकर चेतावनी दी थी।
बहरहाल वाणिज्य कर विभाग की इस सख्त कार्रवाई से धनबाद जिले के जीएसटी बकायेदारों में हड़कंप मच गया है। व्यापारियों के पास अब समय कम है और उन्हें जल्द से जल्द कर भुगतान करना होगा, वरना उनके बैंक खाते अटैच हो जाएंगे और व्यापार संचालन भी प्रभावित हो सकता है।