3 महीने में चालान नहीं भरा तो कैंसिल होगा ड्राइविंग लाइसेंस

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नई दिल्ली: सरकार अब ट्रैफिक नियमों को और सख्त करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। प्रस्तावित नए नियमों के अनुसार, यदि कोई ई-चालान जारी होने के तीन महीने के भीतर उसका भुगतान नहीं करता है, तो संबंधित ड्राइवर का लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति एक साल के भीतर तीन बार रेड लाइट जंप करने या खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाने का दोषी पाया जाता है, तो उसका लाइसेंस तीन महीने के लिए जब्त कर लिया जाएगा।

दरअसल, सरकार यह कदम इसलिए उठा रही है क्योंकि वर्तमान में केवल 40% ई-चालान का ही भुगतान किया जा रहा है। बाकी बकाया चालान की वसूली को सुनिश्चित करने के लिए कड़े नियम लागू करने की तैयारी चल रही है। साथ ही, सख्त कानूनों के जरिए सड़क पर अनुशासन बनाए रखने और दुर्घटनाओं को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।

बीमा प्रीमियम में भी हो सकता है बदलाव

सूत्रों के अनुसार, सरकार एक और सख्त नियम लाने पर विचार कर रही है, जिसमें उन वाहन मालिकों के लिए बीमा प्रीमियम बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है जिनके नाम पर कम से कम दो ट्रैफिक चालान लंबित हैं। इससे चालान भुगतान को प्रोत्साहित करने और सड़क सुरक्षा में सुधार लाने की उम्मीद की जा रही है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में 23 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों से रिपोर्ट तलब की थी, जिसमें यह पूछा गया था कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत ट्रैफिक चालान जारी करने और उनकी अदायगी की वर्तमान स्थिति क्या है। ट्रैफिक नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए स्पीड गन, सीसीटीवी कैमरे और ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रजिस्ट्रेशन जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन चालान की रिकवरी अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

दिल्ली समेत कई राज्यों में रिकवरी दर कम

रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में जारी किए गए कुल ट्रैफिक चालानों में से केवल 14% का ही भुगतान हुआ है। उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा 27% है, जबकि ओडिशा में 29% दर्ज किया गया है। अन्य राज्यों जैसे हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश में भी हालात कुछ खास अलग नहीं हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि चालान की वसूली कम होने के पीछे कई कारण हैं। एक बड़ी वजह यह है कि लंबे समय तक चालान नहीं भरने पर भी कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती। इसके अलावा, कई वाहन मालिक कोर्ट में लोक अदालत के जरिए चालान की राशि कम करवाने की कोशिश करते हैं, जिससे सरकार को नुकसान होता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ वाहनों पर तो एक से दो लाख रुपये तक के चालान बकाया हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण वाहन मालिक भुगतान से बचते रहते हैं।

सख्ती से सुधरेंगे हालात?

सरकार अब इस समस्या का समाधान निकालने के लिए नए नियमों को अंतिम रूप देने में जुटी है। अगर प्रस्तावित बदलाव लागू होते हैं, तो चालान की वसूली में सुधार हो सकता है और लोग अधिक जिम्मेदारी के साथ ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए बाध्य होंगे।

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