राशन कार्ड सरेंडर नहीं करने वाले अयोग्य लाभुकों के विरुद्ध चलाया जाएगा सघन अभियान
होगी डोर टू डोर जांच
पीडीएस डीलर को लिखित में प्रमाणित करना होगा उनके यहा नहीं है अयोग्य लाभुक
मिरर मीडिया : योग्य लाभुकों को सरकारी योजना के तहत राशन मुहैया कराने के उद्देश्य से वैसे अयोग्य राशन कार्ड धारक जिन्होंने अपना राशनकार्ड सरेंडर नहीं किया है, उनके विरुद्ध सघन अभियान चलाया जाएगा। राशन कार्ड के सत्यापन के लिए जिला प्रशासन द्वारा डोर टू डोर जांच की जाएगी। अयोग्य राशन कार्ड धारकों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। अयोग्य कार्ड धारकों से राशन लिए जाने की तिथि से पकड़े जाने की तिथि तक उठाए गए खाद्यान्न की प्रति किलो की दर से लिए गए संपूर्ण खाद्यान्न की राशि की गणना करते हुए कुल राशि पर प्रतिवर्ष 12% की दर से ब्याज सहित हर्जाना वसूल किया जाएगा। पीडीएस डीलर को भी लिखित में प्रमाणित करना होगा कि उनके यहां कोई भी राशन कार्ड धारी अयोग्य नहीं है। यह भी लिखित में देना होगा कि उनके यहां अयोग्य राशन कार्ड धारी मिलने पर विभाग उसका लाइसेंस रद्द कर तथा उस पर प्राथमिकी दर्ज कर सकता है।
यह निर्देश उपायुक्त संदीप सिंह ने आज माननीय मुख्यमंत्री, झारखंड की अध्यक्षता में 30 सितंबर को आयोजित राज्य स्तरीय बैठक में प्राप्त निर्देशों के क्रम में आयोजित जिला स्तरीय बैठक में विभिन्न विभागों की समीक्षा करने के दौरान दिया।
उन्होंने कहा इसके अलावा अयोग्य कार्ड धारकों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 468, 471 तथा अन्य सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी भी दर्ज की जाएगी। सरकारी सेवकों के परिवार में राशन कार्ड मिलने पर उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी। अयोग्य कार्ड धारकों को सरेंडर करने के लिए प्रपत्र 12-जी सरकारी स्तर पर उपलब्ध कराया जाएगा।
झारखंड लक्षित जन वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2019 के अंतर्गत लाभुकों के चयन हेतु सरकार द्वारा मापदंड निर्धारित किया गया है। ऐसे में अवैध रूप से राशन कार्ड रखने वालों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिससे योग्य लाभुकों को सरकारी योजना के तहत राशन मुहैया कराया जा सके।
इनके लिए राशन कार्ड रखना है अवैध
वैसे व्यक्ति जिनका कोई भी सदस्य भारत सरकार, केंद्र शासित प्रदेश या इनके परिषद, उद्यम, उपक्रम, अन्य स्वायत्त निकाय जैसे विश्वविद्यालय इत्यादि, नगर परिषद, नगर पालिका, न्यास इत्यादि में नियोजित हो।
वैसे परिवार का कोई सदस्य आयकर, सेवा कर, व्यवसायिक कर, जीएसटी देता हो।
वैसे परिवार जिनके किसी सदस्य के नाम से चार पहिया मोटर वाहन या इससे अधिक पहिया के वाहन हो।
वैसे परिवार जिनका कोई सदस्य सरकार द्वारा पंजीकृत उद्यम का स्वामी या संचालक हो।
सरकारी आवास योजनाओं से अनाच्छादित वैसे परिवार जिनके पास कमरों में पक्की दीवारों तथा छत के साथ 3 या इससे अधिक कमरों का मकान हो।
ऐसे परिवार जिनके पास पांच लाख या इससे अधिक लागत का मशीन चलित चार पहिए वाले ट्रैक्टर, थ्रेशर इत्यादि कृषि उपकरण हो।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विभागवार योजनाओं को पूरा करने का जो निर्देश दिया है उसे सर्वाधिक प्राथमिकता देकर समय पर सभी विभाग पूर्ण करें। एक सप्ताह बाद पुनः योजना की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने आपूर्ति, विद्युत, धोती साड़ी वितरण योजना, कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग, ई-श्रम पोर्टल, बिरसा हरित ग्राम योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, पशुपालन सहित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की।
बैठक में उप विकास आयुक्त दशरथ चंद्र दास, अपर समाहर्ता श्याम नारायण राम, वन प्रमंडल पदाधिकारी विमल लकड़ा, निदेशक डीआरडीए, अनुमंडल पदाधिकारी प्रेम कुमार तिवारी, डीसीएलआर सतीश चंद्रा, डीपीओ महेश भगत, डीएसओ भोगेंद्र ठाकुर, एलडीएम नकुल कुमार साहू सहित सभी विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे।