डिजिटल डेस्क/ कोलकाता: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) खड़गपुर छात्रों में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। संस्थान ने हॉस्टल के कमरों में लगे पंखों की संख्या कम करने और उन्हें ऐसे सुरक्षित पंखों से बदलने का फैसला किया है, जिनका इस्तेमाल आत्महत्या के लिए न किया जा सके।
संस्थान के निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने बताया कि यह कदम मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का स्थायी समाधान तो नहीं है, लेकिन मुश्किल समय में ऐसे उपकरणों की अनुपस्थिति किसी की जान बचा सकती है। इस पहल के तहत, हॉस्टल के पंखों को सुरक्षित डिज़ाइन वाले पंखों से बदला जाएगा।
इस शारीरिक बदलाव के साथ-साथ आईआईटी खड़गपुर ने एक नई पहल ‘कैंपस मदर’ भी शुरू की है। इसके तहत संस्थान की महिला फैकल्टी और कर्मचारी मानसिक रूप से परेशान छात्रों को भावनात्मक सहारा देंगी। इसके अतिरिक्त, छात्रों को चौबीसों घंटे मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने की व्यवस्था की जा रही है, जिसमें कैंपस में ही एक मनोचिकित्सक की उपलब्धता भी शामिल है।
आईआईटी खड़गपुर के 21 हॉस्टलों में लगभग 16,000 छात्र रहते हैं। इस साल जनवरी से अब तक हॉस्टल में चार छात्रों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है, जिन्हें प्राथमिक तौर पर आत्महत्या के मामले बताया गया है। इन घटनाओं में बीटेक के चतुर्थ वर्ष के छात्र रितम मंडल, इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग विभाग के तृतीय वर्ष के छात्र शाओन मल्लिक, ओशेन इंजीनियरिंग विभाग के अंतिम वर्ष के छात्र अनिकेत वाकर और तृतीय वर्ष के बीटेक छात्र मोहम्मद आसिफ कमर शामिल हैं।
यह पहल छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति संस्थान की गंभीरता को दर्शाती है। उम्मीद है कि इन कदमों से हॉस्टलों में आत्महत्या की घटनाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।