मिरर मीडिया : खनन विभाग ने एक नया मामला का पर्दाफाश किया है जिसमें गाड़ियों के नंबर की हेरफेर कर कोयले के अवैध कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है मामला उजागर होने के बाद इसमें संलिप्त कर्मी एवं ट्रांसपोर्टरों में हड़कंप मचा हुआ है, खनन विभाग में इस संबंध में कोलियरी के प्रोजेक्ट ऑफिसर के नाम पत्र जारी कर जवाब तलब किया है लेकिन अभी तक न ही किसी प्रकार का जवाब आया है ना ही किसी तरह की कोई कार्यवाई की गई है।
वाहन नंबर में हेर फेर कर की जा रही कोयले की तस्करी का पर्दाफाश
खनन विभाग ने संबंधित अधिकारियों को किया जवाब तलब
बता दें कि 4 मार्च को खान निरीक्षक सुनील कुमार ने औचक जांच के दौरान रात्रि करीब 1 बजे गाड़ी संख्या JH04 L 9377 पर कोयला लदे पकड़ा था एवम अनियमितता पाए जाने के बाद धनबाद थाने को सुपुर्द कर दिया गया था, एवं जिनगोरा वासरी के प्रोजेक्ट ऑफिसर को इस संबंध में जानकारी दी जिसके बाद जिनागोर वासरी के प्रोजेक्ट ऑफिसर के द्वारा यह बताया गया कि उक्त गाड़ी संख्या द्वारा पाथर्डीह वासरी में कोयला डंप किया जा चुका है।
एक ही गाड़ी नंबर को दो जगहो पर हो रहा था उपयोग
अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा था बड़ा खेल
पूरे मामले पर जानकारी देते हुए खान निरीक्षक सुनील कुमार ने बताया कि अधिकारियों की मिलीभगत से गाड़ियों का नंबर चेंज कर उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है जिसके बाद जिनागोरा वासवी एवं पाथरडीह वासरी के अधिकारियों को जवाब तलब किया गया। एवं ट्रांसपोर्टर के खिलाफ कार्रवाई करने को पत्र लिखा गया है
हालांकि इस संबंध में जीनागोरा वासरी द्वारा जाँच में अनियमितता सामने आने के बाद पाथरडीह वासरी के नाम पत्र लिख उक्त ट्रांसपोर्टर के विरोध कार्यवाही की मांग की गई गया लेकिन पाथरडीह वासरी की तरफ से ना तो कोई जवाब आया ना ही किसी प्रकार की कार्रवाई की गई। इस संबंध में जब पाथरडीह वासरी के प्रोजेक्ट ऑफिसर विपिन कुमार सिंह से फोन पर वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि उच्च अधिकारियों के संज्ञान में भी मामला है वार्ता चल रही है जो भी उचित कार्रवाई होगी जांच के बाद की जाएगी उन्होंने यह भी बताया कि जिनागोरा वासरी को भी पत्र के माध्यम से जवाब दिया है।
घटना के 24 दिन बीत जाने के बावजूद भी ट्रांसपोर्टर के ऊपर नहीं हुई कोई कार्रवाई
एक दूसरे के ऊपर फेकाफेकी में चल रहा है मामला
हालांकि गाड़ी संख्या JH04 L 9377 के बारे में जब मालूम किया गया तो यह गाड़ी बिहार के बाढ़ में गोपाल कुमार के नाम पर है और वह इन सभी घटनाओं से अनजान है। अब सवाल यह उठता है कि जांच में जब गाड़ी नंबर फर्जी निकला तो अभी तक क्यों नहीं ट्रांसपोर्टर के ऊपर कारवाई की गई। खनन विभाग द्वारा पत्र जारी करने के बावजूद भी संबंधित अधिकारी चुप्पी क्यों साधे हुए हैं इससे ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं अधिकारियों की मिलीभगत से कोयले के तस्करी का खेल जारी है एवं केंद्र और राज्य सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाई जा रही है। लिहाज़ा पूरे मामले पर बीसीसीएल प्रबंधन एवं जिला प्रशासन द्वारा किस प्रकार जांच की जाती है और संलिप्त अधिकारियों एवम ट्रांसपोर्टर के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है यह देखने वाली बात होगी।