मिरर मीडिया : एक तरफ धनबाद में अवैध कोयला तस्करी से केंद्र व राज्य सरकार को रोजाना लाखों रूपये के राजस्व की क्षति हो रही है वहीं दूसरी तरफ विभाग और प्रशासन के नाक के नीचे लगातार युद्ध स्तर पर कोयले की चोरी जारी है।
ताज़ा मामला धनबाद के बलियापुर प्रखंड का है जहाँ जोरों शोरो से कोयले का अवैध कारोबार फल फूल रहा है। रात के अंधेरे में क्या यहाँ तस्करी का जाल इतना गहरा है की दिन के उजाले में भी अवैध रूप से कार्य को अंजाम दिया जाता है। बलियापुर से गोविंदपुर तक धड़ल्ले से अवैध कोयला तस्करी का कारोबार हावी है। जानकारी दे दें कि बलियापुर क्षेत्र में अंधेरे में कोयले की धुलाई शुरू हो जाती है। जगह जगह कोयला स्टॉक जमा करके उसे नाव के द्वारा ट्रक तक लाया जाता है और फ़िर ट्रक के माध्यम से बंगाल भेज दिया जाता है।

इतना ही नहीं यहाँ दिन में भी बलियापुर थाना के सामने से स्कूटर व साइकिल से कोयला की ढूलाई देखने को मिल जाती है। वहीं इस संदर्भ में प्रशासन भी जानकारी नहीं होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। गौरतलब है कि बंद प्रोजेक्टों में कोयले का अवैध खनन व बीसीसीएल के कॉल डिपो से रोजाना सैकड़ों टन कोयले की चोरी कर एक दर्जन से अधिक छोटी-छोटी अवैध कोयला डिपो में जमा की जाती है। इन अवैध डिपो से ही साइकिल, मोटरसाइकिल व कभी-कभी ट्रक के जरिए नदी से पार कर बंगाल व गोविंदपुर प्रमुख भट्टा में खपा दिया जाता है।
बहरहाल सम्बंधित क्षेत्र से रात या दिन के उजाले में अवैध रूप से कोयले का भण्डारण, उठाव और तस्करी का होना और प्रशासन को इसकी भनक तक ना होना समझ से परे है। जबकि यह कहना भी अतिश्योक्ति नहीं होगी की बिना सह के इतनी भारी मात्रा में लगातार कोयले की अवैध तस्करी किया जाना संभव नहीं है।