पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ का खेल, बांग्लादेशी प्रिया खातून ‘अदिति पात्रा’ बनकर कोलकाता में पकड़ी गई

Manju
By Manju
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मिरर डेस्क/कोलकाता: पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों का गोरखधंधा एक बार फिर उजागर हुआ है। उत्तर 24 परगना जिले के सोदपुर इलाके में बराकपुर पुलिस कमिश्नरेट ने बांग्लादेश की एक शातिर महिला प्रिया खातून उर्फ अदिति पात्रा को गिरफ्तार किया है। प्रिया खातून बांग्लादेश के यशोर की रहने वाली है और फर्जी दस्तावेजों के सहारे कोलकाता के घोला क्षेत्र में आशीर्वाद अपार्टमेंट में पिछले तीन महीने से रह रही थी। पुलिस ने उसके फ्लैट से कई आधार कार्ड, बैंक चेकबुक और अन्य संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए हैं। प्रिया पर आरोप है कि वह बांग्लादेशी घुसपैठियों को शरण देने और उनके लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने के रैकेट में शामिल थी।

पुलिस को स्थानीय लोगों से शिकायत मिली थी कि प्रिया के फ्लैट में बाहरी लोगों का आना-जाना लगा रहता है, जिसके बाद 29 मई को छापेमारी की गई। प्रारंभिक जांच में पता चला कि प्रिया के पास भारत में रहने के लिए कोई वैध दस्तावेज नहीं थे। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह अवैध रूप से भारत में घुसी थी और फर्जी पहचान बनाकर यहां रह रही थी। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या प्रिया सीमा पार कराने वाले किसी बड़े सिंडिकेट से जुड़ी थी।

बंगाल में घुसपैठ और फर्जी दस्तावेज का गहराता खेल
पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों का रैकेट लंबे समय से एक गंभीर समस्या रहा है। हाल के महीनों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां घुसपैठिए फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के सहारे भारतीय पहचान बनाकर यहां बस रहे हैं। 18 मई को कोलकाता के कालीघाट में आजाद शेख नामक एक बांग्लादेशी घुसपैठिए को गिरफ्तार किया गया था, जिसने 15,000 रुपये में फर्जी आधार कार्ड, राशन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया था। उसने एक पुलिस अधिकारी को कार से टक्कर मार दी थी, जिसके बाद उसकी असलियत सामने आई। इसी तरह, उत्तर 24 परगना के खासांकदाहा में जफर अली शेख नामक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया, जो आजाद को शरण दे रहा था और फर्जी दस्तावेज बनाने में मदद कर रहा था।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेशी घुसपैठिए अक्सर पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों जैसे कूचबिहार और उत्तर 24 परगना के रास्ते भारत में प्रवेश करते हैं। दलालों की मदद से वे फर्जी दस्तावेज बनवाते हैं और फिर कोलकाता जैसे बड़े शहरों में बस जाते हैं। इनमें से कई घुसपैठिए अपराध में भी लिप्त पाए गए हैं। 25 मई को भी एक हिट-एंड-रन मामले में कोलकाता पुलिस ने एक बांग्लादेशी को पकड़ा था।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि घोला में प्रिया के फ्लैट में संदिग्ध गतिविधियां लंबे समय से चल रही थीं। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि प्रिया के नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल हैं और कितने लोगों को उसने शरण दी। बराकपुर पुलिस कमिश्नरेट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले में गहन जांच की जा रही है और जल्द ही इस रैकेट के अन्य सदस्यों तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी। यह घटना एक बार फिर पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों के गंभीर मुद्दे को उजागर करती है, जिस पर प्रशासन को सख्त कार्रवाई की जरूरत है।

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