चक्रवाती तूफान “दाना” का झारखंड में असर : तेज हवाओं के साथ बारिश : छठ में स्वेटर पहनने की पड़ सकती है जरूरत

KK Sagar
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झारखंड की राजधानी रांची और इसके आस-पास के इलाकों में बीते 24 घंटे में तेज हवा और हल्की बारिश दर्ज की गई। यह स्थिति बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान “दाना” के कारण उत्पन्न हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, यह तूफान गुरुवार को राज्यभर में व्यापक बारिश ला सकता है, जिससे अधिकतम तापमान में गिरावट की संभावना है।

चक्रवाती तूफान का असर

मौसम विभाग के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान “दाना” गुरुवार को पूरे राज्य में असर दिखाना शुरू करेगा। इसके चलते झारखंड के कुछ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जिनमें सरायकेला खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम और पूर्वी सिंहभूम शामिल हैं। इन जिलों में तेज बारिश और वज्रपात की संभावना बनी हुई है, जिससे लोगों को सचेत रहने की सलाह दी गई है।

राज्यभर में अलर्ट

झारखंड के अन्य जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें मध्यम बारिश और वज्रपात की संभावना जताई गई है। बारिश के साथ अधिकतम तापमान में 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट हो सकती है, जिससे दिन के समय भी ठंड का अनुभव हो सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच का अंतर कम हो जाएगा, जिससे दोपहर में भी लोगों को हल्की ठंड महसूस होगी।

स्वास्थ्य पर असर

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बीते 24 घंटों में ठंड में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है, और आने वाले दिनों में यह बढ़ सकती है। छठ पर्व तक लोगों को स्वेटर पहनने की आवश्यकता महसूस हो सकती है। यह मौसम बदलने का समय है, और ऐसे में लोगों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी गई है। बारिश और ठंड के संयोजन से सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

बता दें कि चक्रवाती तूफान ‘दाना’ अब अपना विकराल रूप धारण करने की कगार पर है, जिससे ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में जनजीवन पर गहरा असर पड़ने की आशंका है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, यह साइक्लोन शुक्रवार की सुबह ओडिशा तट से टकराएगा, जिससे भारी बारिश और तूफानी हवाओं का सिलसिला शुरू होगा। तूफान के दौरान हवा की गति 125 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है, जिससे इन क्षेत्रों में गंभीर नुकसान का खतरा है।

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य सरकार की तैयारियों की समीक्षा करते हुए बताया कि अब तक खतरे वाले क्षेत्रों से 30% लोगों को ही निकाला जा सका है, लेकिन प्रयास जारी हैं। गुरुवार सुबह तक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की प्रक्रिया तेज कर दी जाएगी। तटीय इलाकों में भारी बारिश के साथ-साथ आंधी और तूफानी लहरों की संभावना को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है।

पश्चिम बंगाल में भी सावधानी बरतते हुए 1.14 लाख से अधिक लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा है कि चक्रवात के ओडिशा तट पर भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान और धामरा बंदरगाह के बीच लैंडफॉल करने की संभावना है, जो 24 अक्टूबर की रात से लेकर 25 अक्टूबर की सुबह तक चरम पर हो सकता है।

प्रशासन ने तटीय इलाकों के लोगों को सतर्क रहने और संभावित जोखिमों को देखते हुए उच्च सतह वाले स्थानों पर शरण लेने की सलाह दी है।

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