मिरर मीडिया : सरकारी स्कूल में शिक्षा की गिरती स्तर पर पर नाखुश झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने एक बहुत ही बड़ा बयान देते हुए कहा है कि शिक्षा में सुधार कीजिए वरना सरकारी स्कूलों को निजी हाथों में सौंप देंगे। बता दें कि बीते दिन बोकारो में सूबे के शिक्षा मंत्री ने बच्चों की शिक्षा का स्तर जांचने के बाद शिक्षा विभाग और शिक्षकों को साफ शब्दों में कहा कि शिक्षा में सुधार की बहुत गुंजाइश बाकी है। ऐसे में अगर आप सरकारी स्कूलों को बेहतर नहीं बना सकते तो सरकार इन स्कूलों को निजी हाथों में सौंप देगी। ताकि बच्चों को सुनहरा भविष्य दे सकें।
गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री ने दुगदा उत्क्रमित मध्य विद्यालय का निरीक्षण करने के क्रम में वहां कई कमियां देखीं। बच्चों से भी कोर्स के सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं मिला। शिक्षा मंत्री ने विद्यालय का रजिस्टर मांगा और जांच की और शिक्षण व्यवस्था पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार लाने की कड़ी हिदायत दी। इस बाबत शिक्षा मंत्री ने एक बच्चे पर प्रतिवर्ष खर्च के बारे में जवाब नहीं मिलने पर नाराजगी जाहिर कि और जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार एक साल में एक बच्चा पर 22 हजार रुपये खर्च करती है। ऐसे में अगर बच्चों को अच्छी और सच्ची शिक्षा नहीं देंगे तो विद्यालय को निजी संस्थानों को सौंपा दिया जाएगा। उन्होंने विद्यालय के अस्त-व्यस्त कमरे व जर्जर छज्जा की हालत देखकर जल्द ही मरम्मत कराने की सलाह दी। विद्यालय के चहारदीवारी निर्माण का प्रस्ताव भी जिला शिक्षा कार्यालय भेजने का निर्देश दिया।
इधर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो मंगलवार सुबह छह बजकर पांच मिनट पर चंद्रपुरा प्रखंड के तारमी पंचायत के नव प्राथमिक विद्यालय भंडारीदह के स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां उन्हें विद्यालय में ताला बंद मिला। जबकि स्कूल को नए समय सारिणी के हिसाब से सुबह छह बजे खुल जाना चाहिए था। लापरवाही की हालत देख यहां शिक्षा मंत्री ने स्कूल के गेट में दूसरा ताला लगवा दिया। थोड़ी देर बाद जब मौके पर विद्यालय प्रभारी प्रधानाध्यापिका ललिता कुमारी पहुंची, तो शिक्षा मंत्री ने कायदे से उनकी क्लास लगा दी। हेडमास्टर ने आगे से समय पर स्कूल खोलने का भरोसा दिया, तब शिक्षा मंत्री ने ताला खुलवा दिया।