मिरर मीडिया : धनबाद के बस्ताकोला में संचालित जीवन संस्था में दिव्यांग अभिषेक की मौत के बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। एक ओर सामाजिक कार्यकर्ता अंकित राजगढ़िया ने पिटाई किये जाने का संगीन आरोप लगाया है वहीं दूसरी ओर जीवन संस्था के प्रबंधन ने एसएनएमएमसीएच परिसर में शव को चूहों द्वारा कुतरे जाने की बात कह पल्ला झाड़ने की कोशिश की है। जबकि मामले में एसएन एमएमसीएच अधीक्षक ने उक्त दिव्यांग के शव को चूहों द्वारा कुतरे जाने संबंधित किसी भी संभावना को खारिज करते हुए उसे मारपीट का निशान बताते हुए जीवन संस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। जबकि उपायुक्त ने भी उचित कार्रवाई का आश्वसन दिया है।
बता दें कि मानसिक रूप से दिव्यांग और मूक बधिर बच्चों को प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए काम करने वाली संस्था जीवन में रह रहे दिव्यांग किशोर अभिषेक की मौत रविवार को हो गयी थी। पोस्टमार्टम से पूर्व किशोर के मुंह और नाक से खून दिखें, शरीर में कई जगह पर जख्म के निशान थे वही पांव और केहुनी में भी गहरे जख्म के निशान देखने को मिला था। कोडरमा चाइल्ड वेलफेयर कमिटी ने अभिषेक को जीवन संस्था के सुपुर्द किया था। जिसके बाद अभिषेक जीवन संस्था की देखरेख में रह रहा था। मृतक अभिषेक के शरीर पर जो गहरे जख्म के निशान थे अब उस पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। पूरे मामले में सामाजिक कार्यकर्ता अंकित राजगढ़िया ने उक्त जख्म के निशान को गर्म सलाखों या किसी अन्य चीज से दागने के आरोप लगाए तथा बताया कि किस तरह से अलग अलग समय पर यह जीवन नामक संस्था विवादों में रही।
इस मामले में जीवन संस्था के निदेशक अनिल सिंह का कहना था कि उसके साथ किसी तरह की कोई मारपीट की घटना को अंजाम नहीं दिया गया उसे मिर्गी बीमारी थी दौरा पड़ने पर वह अनबैलेंस होकर गिर पड़ा था जिसकी वजह से जख्मी हुआ था उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया उसके पांव एवं अन्य जगहों पर जो जख्म के निशान पाए गए उसे अस्पताल परिसर में चूहों ने कुतर डाला था क्योंकि मोर्चरी में उसके शव को नहीं रखा गया था। अगर अस्पताल में शव को मर्चरी में रखा जाता तो ऐसी नौबत नहीं आती।
वहीं SNMMH अधीक्षक डॉ अरुण कुमार बर्णवाल ने चूहों द्वारा अभिषेक के शव को कुतरे जाने संबंधित बयान का खंडन किया और बताया कि उसके शरीर पर जो जख्म के निशान है वह मारपीट के हो सकते हैं। उनके यहां फिलवक्त मर्चरी में दो शवों को रखने की व्यवस्था है।
वहीं पूरे मामले में धनबाद उपायुक्त संदीप सिंह ने कहा है कि उक्त मामले में जिला प्रशासन संवेदनशील है और वहां के 13 दिव्यांग बच्चे जो CWC के हैं उन्हें अन्यत्र शिफ्ट करने की कोशिश जारी है। पूर्व में भी उक्त संस्था पर FIR हुआ है।जल्द ही जांचोपरांत उचित कार्रवाई होगी।
बता दें कि इससे पहले भी जीवन संस्था के ऊपर आरोप लग चुके हैं और प्राथमिकी भी दर्ज की जा चुकी है हाल ही में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम ने आकर निरीक्षण भी किया था और जीवन संस्था को दोषी बताया था। अब इस मामले में विवादों में रहने वाले जीवन संस्था के ऊपर जिला प्रशासन किस प्रकार कार्रवाई करती है और पीड़िता को न्याय दिलवाती है यह देखने वाली बात होगी।