कांग्रेस अधिवेशन: CWC बैठक में खरगे ने भाजपा और संघ पर लगाया सरदार पटेल की विरासत हड़पने का आरोप

Anupam Kumar
3 Min Read

डिजिटल डेस्क |मिरर मीडिया :कांग्रेस अधिवेशन की शुरुआत गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के साथ हो गई है। इस बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे मौजूद रहे। हालांकि, गांधी परिवार की बेटी प्रियंका गांधी वाडरा इस दौरान नदारद दिखी। पार्टी अध्यक्ष खरगे ने मीटिंग की कमान संभाली।

देश के नायकों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर तीखा हमला बोला। मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा और संघ पर सरदार पटेल की विरासत हड़पने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा और संघ देश के नायकों के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के अनुसार, सरदार पटेल की विचारधारा संघ के खिलाफ थी और उन्होंने संघ पर प्रतिबंध भी लगाया था।

पटेल-पंडित नेहरू के संबंधों को गलत तरीके से दिखाने की कोशिश-खरगे

मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि पिछले कई वर्षों से देश में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है और ये माहौल वो लोग बना रहे हैं जिनके पास अपनी उपलब्धियों के तौर पर दिखाने के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने भाजपा-आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के तौर पर दिखाने के लिए उनके पास कुछ भी नहीं है। उन्होंने यह दिखाने की साजिश की कि सरदार पटेल और पंडित नेहरू के बीच अच्छे संबंध नहीं थे। जबकि सच्चाई यह है कि वे एक ही सिक्के के दो पहलू थे। कई घटनाएं और दस्तावेज उनके सौहार्दपूर्ण संबंधों के गवाह हैं। खरगे ने दावा किया कि दोनों के बीच लगभग रोजाना पत्राचार होता था। नेहरू जी सभी मामलों में उनकी सलाह लेते थे। नेहरू जी पटेल साहब का बहुत सम्मान करते थे। अगर उन्हें कोई सलाह लेनी होती तो वे खुद पटेल जी के घर जाते थे।

संघ का पटेल की विरासत पर दावा करना हास्यास्पद-खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि पटेल की विचारधारा आरएसएस के विचारों के विपरीत थी और उन्होंने संगठन पर प्रतिबंध भी लगाया था, लेकिन यह हास्यास्पद है कि आज उस संघ के लोग सरदार पटेल की विरासत पर दावा करते हैं।’ खरगे ने दावा किया कि महात्मा गांधी और सरदार पटेल ने ही बाबा साहब आंबेडकर को संविधान सभा का सदस्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। खुद आंबेडकर ने 25 नवंबर, 1949 को संविधान सभा में अपने अंतिम भाषण में कहा था कि ‘कांग्रेस पार्टी के समर्थन के बिना संविधान नहीं बनाया जा सकता था। लेकिन जब संविधान बनाया गया, तो आरएसएस ने गांधीजी, पंडित नेहरू, डॉ आंबेडकर और कांग्रेस की खूब आलोचना की। उन्होंने रामलीला मैदान में संविधान और इन नेताओं के पुतले जलाए।

Share This Article