वॉशिंगटन/नई दिल्ली, 8 जुलाई – अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को बांग्लादेश समेत 14 देशों पर भारी टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने का ऐलान कर दिया है, जिससे वैश्विक व्यापार जगत में गहमा-गहमी बढ़ गई है। ट्रंप की इस घोषणा के बाद वैश्विक शेयर बाजार और व्यापारिक समीकरणों में हलचल देखने को मिल रही है।
📃 एक जैसे पत्र, अलग-अलग देश
ट्रंप प्रशासन की ओर से इन सभी देशों को एक जैसे शब्दों और भाषा में पत्र भेजे गए हैं। इन पत्रों में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि यदि ये देश अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का जवाब टैरिफ बढ़ाकर देंगे, तो अमेरिका उस जवाबी टैरिफ को अपने टैरिफ में जोड़ देगा।
📦 किन देशों पर कितनी दरें लगाई गईं?
ट्रंप ने म्यांमार और लाओस पर सबसे अधिक 40 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है। थाईलैंड और कंबोडिया पर 36 प्रतिशत, जबकि बांग्लादेश और सर्बिया पर 35 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है। इंडोनेशिया पर 32 प्रतिशत, और बोस्निया व दक्षिण अफ्रीका पर 30 प्रतिशत का शुल्क तय किया गया है।
ट्यूनीशिया, मलेशिया, कजाकिस्तान, जापान और दक्षिण कोरिया – इन सभी पर समान रूप से 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है।
ये सभी टैरिफ 1 अगस्त 2025 से प्रभाव में आएंगे।
🇯🇵 🇰🇷 जापान और दक्षिण कोरिया को सबसे पहले पत्र
जापान और दक्षिण कोरिया को 7 जुलाई रात 9:30 बजे (भारतीय समयानुसार) सबसे पहले ये पत्र प्राप्त हुए। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इन्हीं दो देशों से शुरुआत करते हुए उनके उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन दोनों देशों के साथ दीर्घकालिक व्यापार असंतुलन को संतुलित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
⚙️ प्रभावी क्षेत्र – ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक्स
विशेषज्ञों का मानना है कि जापान और दक्षिण कोरिया से आयातित ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स पर इस फैसले का सीधा असर पड़ेगा। दोनों देश अमेरिका को बड़े पैमाने पर तकनीकी और वाहन उत्पाद भेजते हैं।
🧾 व्हाइट हाउस की पुष्टि
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने पुष्टि की कि दिनभर में और भी कई देशों को ऐसे पत्र भेजे जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप 12 और देशों को टैरिफ पत्र भेजने की तैयारी में हैं।
🇮🇳 भारत को भी मिल सकता है टैरिफ पत्र
खबरों के अनुसार, भारत को मंगलवार को ट्रंप का टैरिफ पत्र मिल सकता है। सूत्रों का कहना है कि अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता (Bilateral Trade Agreement – BTA) पर बातचीत अंतिम चरण में है। यह समझौता 9 जुलाई की समयसीमा से पहले हो सकता है। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो भारत पर 26% टैरिफ लागू हो सकता है।
💬 ट्रंप की चेतावनी
ट्रंप ने जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे-म्यांग को भेजे पत्रों में लिखा:
“यदि किसी भी कारण से आप टैरिफ बढ़ाते हैं, तो वह वृद्धि सीधे हमारे टैरिफ में जुड़ जाएगी। अमेरिका जवाबी टैरिफ को स्वीकार नहीं करेगा।”
🌍 व्यापार विशेषज्ञों की राय
अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह कदम “प्रोटेक्शनिस्ट नीति” को दर्शाता है, जहां घरेलू उद्योगों की रक्षा के लिए विदेशों से आने वाले उत्पादों पर भारी शुल्क लगाया जाता है। यह नीति विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों से टकरा भी सकती है।