पटना: बिहार की राजधानी पटना में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी से हड़कंप मच गया है। यह कार्रवाई भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता के पटना स्थित आवास समेत कई ठिकानों पर की जा रही है। बताया जा रहा है कि यह मामला IAS संजीव हंस से जुड़ा हुआ है, जिसमें सरकारी टेंडर मैनेज करने वाले सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों पर शिकंजा कसा जा रहा है।
कमरों में भरा मिला कैश, नोट गिनने के लिए 4 मशीनें मंगवाई गईं
सूत्रों के मुताबिक, ईडी को सूचना मिली थी कि पटना के पॉश इलाके में स्थित एक बंगले में बेनामी संपत्ति और अवैध लेन-देन से जुड़ी भारी नकदी छिपाई गई है। जब छापा मारा गया, तो अधिकारी भी चौंक गए, क्योंकि कमरों में नोटों के बंडल भरे पड़े थे। इतनी बड़ी मात्रा में कैश मिला कि गिनती के लिए चार नोट काउंटिंग मशीनें मंगवानी पड़ीं।
8 घंटे से जारी है नोटों की गिनती, करोड़ों रुपये मिलने की आशंका
अब तक 8 घंटे से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन नकदी की गिनती पूरी नहीं हो सकी है। शुरुआती अनुमान के मुताबिक, बरामद की गई रकम कई करोड़ रुपये में हो सकती है। ईडी की टीम इस नकदी के स्रोत का पता लगाने में जुटी हुई है और इस मामले से जुड़े दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है।
इन ठिकानों पर भी चल रही छापेमारी
पटना के पूर्णेंदु नगर स्थित मुख्य अभियंता के आवास के अलावा तारिणी दास के ठिकाने पर भी छापेमारी की जा रही है। ईडी की इस कार्रवाई से सरकारी महकमों में हड़कंप मचा हुआ है।
क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि सरकारी टेंडरों में भ्रष्टाचार और अवैध लेन-देन से जुड़े एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ करने के लिए ईडी ने यह छापेमारी की है। मामले की जांच जारी है और जल्द ही इस पर आधिकारिक बयान आ सकता है।