झारखंड में इतिहास की परंपरा रही है कि कोई भी सरकार दोबारा सत्ता में नहीं लौटती। लेकिन इस बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस परंपरा को तोड़ने की पूरी कोशिश में जुटे हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता सोरेन, अपनी पार्टी को मजबूत करने के साथ-साथ बीजेपी की रणनीति को मात देने का प्लान तैयार कर रहे हैं। यदि उनकी योजना सफल होती है, तो झारखंड में पहली बार कोई सरकार रिपीट होगी और कई बीजेपी के दिग्गज नेता चुनाव में हार सकते हैं।
81 सीटों वाली झारखंड विधानसभा के चुनाव के लिए 13 और 20 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे। हेमंत सोरेन की रणनीति खास तौर पर उन 8 सीटों पर केंद्रित है, जहां बीजेपी के दिग्गज नेताओं का प्रभाव है। इन सीटों पर सोरेन ने बीजेपी की ही रणनीति से पार्टी के बड़े नेताओं को घेरने की योजना बनाई है।
8 प्रमुख सीटों पर हेमंत सोरेन का मास्टर प्लान
1. चंदनकियारी
इस सीट से बीजेपी के अमर कुमार बाउरी, जो नेता प्रतिपक्ष भी हैं, चुनाव लड़ रहे हैं। बाउरी ने 2014 और 2019 में इस सीट से जीत दर्ज की थी। हेमंत ने इस बार आजसू पार्टी के पूर्व विधायक उमाकांत रजक को साध लिया है, जो पिछली बार दूसरे स्थान पर रहे थे। इससे बाउरी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
2. सारठ
बीजेपी के रणधीर सिंह इस सीट से मैदान में हैं। रणधीर सिंह रघुबर दास सरकार में मंत्री रह चुके हैं। हेमंत ने यहां बीजेपी के पूर्व विधायक उदयशंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह को अपने पाले में ले लिया है, जिससे रणधीर की चुनौतियां बढ़ गई हैं।
3. भवनाथपुर
2019 में इस सीट से बीजेपी के भानुप्रताप शाही ने जीत दर्ज की थी। शाही हेमंत सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं, लेकिन हेमंत ने इस बार उनके खिलाफ मजबूत उम्मीदवारों को खड़ा कर दिया है, जिससे शाही की स्थिति कमजोर हो सकती है।
4. धनवार
बीजेपी के दिग्गज नेता बाबूलाल मरांडी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। 2014 में वे इस सीट से हार चुके थे। हेमंत ने फिर से माले के राजकुमार यादव को उम्मीदवार बनाकर मरांडी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
5. जामा
यह हेमंत सोरेन की परंपरागत सीट है। बीजेपी की लुईस मरांडी, जिन्होंने 2014 में हेमंत को हराया था, अब झामुमो में शामिल हो गई हैं। इससे हेमंत ने जामा और दुमका सीटों को सुरक्षित कर लिया है।
6. जमुआ
झामुमो ने इस सीट पर अपने उम्मीदवार केदार हाजरा को खड़ा किया है, जो 2014 और 2019 में जीत चुके हैं। बीजेपी की ओर से मंजू कुमारी उम्मीदवार हैं, जिनकी पिछली बार हार हुई थी। हेमंत की रणनीति से यहां भी बीजेपी की स्थिति कमजोर हो गई है।
7. बहरगोड़ा
यहां से पिछले चुनाव में झामुमो के समीर मोहंथी जीते थे। बीजेपी के कुणाल षाड़ंगी इस बार झामुमो में शामिल हो गए हैं, जिससे बीजेपी के उम्मीदवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
8. सरायकेला
झामुमो के कद्दावर नेता चंपई सोरेन ने हाल ही में बीजेपी का दामन थाम लिया है। हेमंत ने यहां से चंपई के खिलाफ तीन बड़े नेताओं को एकजुट किया है, जिससे चंपई की स्थिति कमजोर हो सकती है।