मिरर मीडिया : वाहनों के लंबे समय तक चलने की भी एक समय सीमा होती है जिसके बाद उसके अंदर के पार्ट्स पुर्जे और बॉडी एकदूसरे का साथ देना छोड़ देते हैं। जहाँ वाहन पहले की तुलना में पुरानी और टिकाऊ हो जाती है जिससे कभी भी दुर्घटना घट सकती है। वहीं इससे निकलने वाले ख़तरनाक धुए से पर्यावरण भी दूषित होता रहता है। समय की भी मांग होती है कि ऐसे एक्सपायरी वाहनों को हटा दिया जाए पर विभाग द्वारा कागजी फिटनेस प्रमाण पत्र लेकर अनफिट को फिट बनाकर फिर से सड़क पर भेज दिया जाता है और नतीजा सड़क दुर्घटना।
आपको बता दें कि धनबाद जिले में वाहनों से सड़क हादसों का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। बड़े वाहनों की चपेट में आकर लोग अपनी जान गवां रहे है। इन बड़े वाहनों में हाईवा और टिपर की संख्या काफ़ी ज्यादा है जिससे आए दिन सड़क दुर्घटना में किसी ना किसी की जान चली जाती है। वहीं इसके इतर अगर बात करें तो जिले में 4639 हाइवा निबंधित है। इनमें से 359 हाईवा की उम्र खत्म हो चुकी है। यानी वे सड़क पर चलने लायक नहीं रहे। लेकिन अनफिट को फिट बनाकर सड़क पर दौड़ाने में माहरत भी हासिल है तभी तो पुरानी हो चुकी हाइवा के पास भी फिटनेस प्रमाण पत्र मौजूद होती है। आपको बता दें कि धनबाद में फिटनेस जांच के लिए उसका उपरी ढांचा और कुछ कागजात ही देखा जाता है। बाहर से गाड़ी फिट होनी चाहिए। अंदर चाहें कितनी भी खराबी क्यों न हो उसे चलाने की मनाही नहीं है।
गौरतलब है कि वहानों के फिटनेस की जांच के लिए प्रत्येक जिले में एक केंद्र होता है पर धनबाद जिले में ऐसा कोई केंद्र नहीं है। नतीजा अधिकांश ऐसे हैं जिनके पास दक्ष चालक का लाइसेंस भी नहीं है। हालांकि इसकी जांच जिला परिवहन विभाग की जिम्मेवारी है पर सभी अपना पल्ला झाड़ते नजर आते है।
फिटनेस प्रमाण पत्र के नियम और जानकारी
आपको बता दें कि केंद्रीय मोटर वाहन कानून 1989 की नियमावली 62 के तहत वहनों को फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किए जाने का नियम है। प्रमाण पत्र देने का नियम के अनुसार फिटनेस प्रमाण पत्र तभी दिए जाएं जब संबंधित अधिकारी वाहन की सुरक्षा से जुड़े सभी यंत्रों का परीक्षण कर लें। जैसे वाहनों के परीक्षण में प्रेशर कैप, हाइटेंशन केवल, हेडलैंप बीम, लाइट, रिफलेक्टर, बल्ब, रियरव्यू मिरर, सेफ्टी ग्लास, हार्न, ब्रेकिंग सिस्टम, स्पीडोमीटर, स्टीयरिंग परीक्षण पर ज्यादा जोर डाला गया है।
फिटनेस जांच के नाम पर होती है खानापूर्ति
यहां फिटनेस की कैसे होती है जांच – वहानों के फिटनेस जांच करने का यहां कोई उपकरण नहीं है। यहां वाहन मालिक को वाहन का चारो तरफ से फोटो, पाल्यूशन, बीमा, टैक्स टोकन और 944 रुपये का चालान देना होगा। जिसे मोटर यान विभाग देखेगा और फिर फिटनेस प्रमाण पत्र मिल जाएगा।