‘पेयजल और स्कूल’ बने एजेंडा: जमशेदपुर DMFT बैठक में विधायकों ने स्थानीय जरूरतों को सर्वोपरि रखने की मांग की

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर: जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) शासी परिषद की एक अहम बैठक आज टाउन हॉल, सिदगोड़ा में आयोजित की गई। उपायुक्त सह अध्यक्ष कर्ण सत्यार्थी ने इसकी अध्यक्षता की, जिसमें विधायक बहरागोड़ा समीर मोहंती, विधायक पोटका संजीव सरदार, उप विकास आयुक्त नागेन्द्र पासवान और विभिन्न पंचायतों के मुखियागण शामिल हुए।

पारदर्शिता और ग्राम सभा को प्राथमिकता
बैठक का मुख्य उद्देश्य डीएमएफटी मद से संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना और भविष्य के लिए प्राथमिकताओं को तय करना था।

उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि डीएमएफटी निधि का उपयोग खनन प्रभावित क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए है। उन्होंने जोर दिया कि हर योजना का लाभ लक्षित समुदाय तक पारदर्शी और त्वरित रूप से पहुंचना चाहिए।

उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से ग्राम सभा के माध्यम से प्राथमिकता आधारित योजनाओं की अनुशंसा करने और उनके क्रियान्वयन में सहयोग देने की अपील की, ताकि क्षेत्र के विकास में फंड का सही इस्तेमाल हो सके।

स्थानीय जरूरतों पर विशेष ध्यान
बैठकों में उपस्थित विधायकों ने स्थानीय आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने पर बल दिया। विधायक बहरागोड़ा समीर मोहंती ने कहा कि डीएमएफटी योजनाएं तभी सफल होंगी जब स्थानीय जरूरतें प्राथमिकता में हों। उन्होंने विशेष रूप से भवनहीन स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र और पेयजल से संबंधित योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।

विधायक पोटका संजीव सरदार ने पंचायतों के जनप्रतिनिधियों से ग्राम सभा के माध्यम से प्राथमिकता वाली योजनाएं भेजने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ग्राम सभा की जानकारी सभी ग्रामीणों तक पहुंचाना, उनके विचारों को सुनना और सबसे ज़रूरी योजना पर निर्णय लेना विकास कार्यो को गति देगा। उन्होंने सीमित संसाधनों के समुचित और समेकित उपयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

योजनाओं की प्रगति और निगरानी
उप विकास आयुक्त नागेन्द्र पासवान ने निगरानी व्यवस्था को और मजबूत बनाने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि जिले में 196 प्रत्यक्ष और 19 अप्रत्यक्ष रूप से खनन प्रभावित पंचायतें हैं। वर्तमान में, कुल 14,169 योजनाएं ली गई हैं, जिनमें से 9,675 योजनाओं को लागू किया जा चुका है।

बैठक में मुखियागणों ने भी अपने-अपने पंचायतों की प्राथमिक आवश्यकताओं से संबंधित सुझाव दिए। उपायुक्त ने सभी जनप्रतिनिधियों और पंचायत प्रतिनिधियों से विकास कार्यों में सक्रिय भागीदारी की अपेक्षा की। इस दौरान उप नगर आयुक्त जेएनएसी कृष्ण कुमार और जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार समेत अन्य विभागीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।

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