मिरर मीडिया : अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजीव कुमार लगातार अपने प्रयासों से वन संरक्षण को बढ़ावा दे रहें हैं और लोगों के बीच जागरूकता फैला रहें हैं। धनबाद में रहते हुए ही उन्होंने पेड़ो को रक्षा सूत्र बाँधने के लिए प्रेरित कर शुरुआत की थी। बता दें कि इधर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजीव कुमार का कैम्पा का गुमला भ्रमण हुआ।
इस दौरान उन्होंने लाह की खेती के प्रशिक्षण हेतु एक कार्यशाला को सम्बोधित किया। यह प्रशिक्षण गुमला के वन सुरक्षा समिति के सदस्यों को दिया गया ।
प्रशिक्षण Jascolampf तथा लाह विकास संस्थान के वैज्ञानिकों के द्वारा दिया गया। Jascolampf द्वारा लाह की खेती के लिए टूल किट का भी वितरण किया गया।
वहीं अपने सम्बोधन में संजीव कुमार ने कहा की लाह की खेती ग्रामीण के लिए एक अच्छे आय का साधन है। लघु वन पर आधारित रोज़गार से वनों की सुरक्षा भी होती है जिससे जैव विविधता बरकरार रहती तथा जल का संरक्षण भी होता है।
उन्होंने कहा कि पूरे झारखंड में लाह की खेती की असीम सम्भावना है और इससे जंगल के आस पास रह रहे लोगों को अतिरिक्त आय का साधन मिलता है। उसमें क़रीब 150 ग्रामीण को प्रशिक्षण दिया गया। यह वन सुरक्षा के सशक्तिकरण में एक मजबूत कड़ी है।
इसके पश्चात उन्होंने जोराग ग्राम में भ्रमण कर ग्रामीण से वार्ता की, वहाँ वनों तथा चेकडैम का निरीक्षण किया। यह चेकडैम लगभग 18 वर्ष पुराना है किंतु अभी भी जल से पूरा भरा है तथा कारगर है। ग्रामीणों के साथ इसी तरह के अच्छे कार्य करने का आह्वान किया। जल संचयन तथा छोटे मिट्टी के बांध बनाने पर चर्चा हुई ताकि भविष्य में जल संकट का सामना नहीं करना पड़े।
इसके बाद अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजीव कुमार ने करौंदी लैंपस का निरीक्षण किया तथा सदस्यों से लैम्प्स के कार्य कलाप की जानकारी ली। वहाँ उन्होंने चावल के हाइब्रिड वेराइटी का ग्रामीणों के बीच वितरण भी किया।
पूरे कार्यक्रम में वन संरक्षक, थँगा पांडियन, वन प्रमंडल पदाधिकारी बेलाल, Jascolampf के प्रबंध निदेशक देवेंदर सिंह, ज़िला सहकारिता पदाधिकारी आशा टोप्पो, प्रसार पदाधिकारी संजीत कुमार, प्रवीण कुमार, गुमला के वन क्षेत्र पदाधिकारी, वनकर्मी, गुमला, किता, पतगच्छा, जोराग, नवाडीह, बकसपुर, वृंदा, चैनपुर इत्यादि ग्राम के लगभग 200 ग्रामीण मौजूद थे।