पर्व– त्यौहार: करवा चौथ का व्रत हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख व्रत में से एक है। यह व्रत मुख्यतः सुहागिन महिलाओं द्वारा किया खुशहाल वैवाहिक जीवन और पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है। करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्जला रखा जाता है, जिसका पारण चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है।
इस व्रत में सरगी का एक विशेष महत्वपूर्ण है। ऐसे में आइए जानते हैं कि सरगी में किन-किन चीजों को शामिल करना चाहिए।
करवा चौथ की सरगी में 16 श्रृंगार का सामान जैसे कुमकुम, बिंदी, मेहंदी, चूड़ी, साड़ी, सिंदूर, बिछिया, काजल आदि जरूर शामिल करना चाहिए।
साथ ही सरगी में ताजे और मौसमी फलों को शामिल करना चाहिए। आप सेब, अनानास आदि फलो को सरगी में शामिल कर सकती है। ये सेहत की दृष्टि से भी अच्छे होते हैं। ये व्रत निर्जला रखा जाता है। ऐसे में यदि सरगी में फल दिए जाएं तो करवा चौथ के व्रत में अधिक परेशानी नहीं होती।
सरगी में सास अपनी बहू को मीठे के रूप में दूध से बनी खीर आदि भी दे सकती हैं। इससे सास बहू के रिश्ते में भी मिठास बनी रहती है। साथ ही आप सरगी में मेवे और नारियल पानी को भी जरूर शामिल करना चाहिए, क्योंकि इससे व्रत के दौरान कमजोरी का अनुभव नहीं होता।
बता दें कि करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले यानी 4-5 बजे तक सरगी का सेवन कर लेना चाहिए। वहीं, ब्रह्म मुहूर्त में भी सरगी का सेवन करना अच्छा माना जाता है। ध्यान रहे कि सरगी में तेल, मसाले वाली चीजें नहीं होनी चाहिए, वरना व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।