भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क, पीएम मोदी ने नई परियोजनाओं का किया उद्घाटन

KK Sagar
2 Min Read

भारत ने मेट्रो रेल नेटवर्क के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। देश अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो रेल नेटवर्क बन गया है। पिछले एक दशक में मेट्रो नेटवर्क ने अभूतपूर्व विकास किया है, जो 2014 में 248 किलोमीटर से बढ़कर आज 1000 किलोमीटर हो गया है। वर्तमान में, मेट्रो रेल नेटवर्क 11 राज्यों के 23 शहरों में फैला है, जबकि 2014 में यह केवल 5 राज्यों के 5 शहरों तक सीमित था।

दैनिक यात्रियों और दूरी में बड़ा इजाफा

आज मेट्रो रेल से प्रतिदिन 1 करोड़ से अधिक यात्री सफर करते हैं, जो 2014 के 28 लाख यात्रियों की तुलना में ढाई गुना अधिक है। मेट्रो ट्रेनें अब हर दिन 2.75 लाख किलोमीटर की यात्रा करती हैं, जबकि 10 साल पहले यह आंकड़ा 86 हजार किलोमीटर था।

दिल्ली को मिली नई ‘नमो भारत ट्रेन’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ ‘नमो भारत ट्रेन’ के 13 किलोमीटर लंबे साहिबाबाद-न्यू अशोक नगर खंड का उद्घाटन किया। इस परियोजना की लागत 4,600 करोड़ रुपये है। इसके साथ ही दिल्ली को अपनी पहली ‘नमो भारत ट्रेन’ कनेक्टिविटी मिल गई। पहले से ऑपरेशनल 42 किलोमीटर के साहिबाबाद-मेरठ साउथ कॉरिडोर को अब दिल्ली के न्यू अशोक नगर स्टेशन से जोड़ा गया है।

दिल्ली मेट्रो फेज-4 का पहला उद्घाटन

प्रधानमंत्री ने दिल्ली मेट्रो फेज-4 के जनकपुरी और कृष्णा पार्क के बीच 2.8 किलोमीटर लंबे खंड का भी उद्घाटन किया, जिसकी लागत 1,200 करोड़ रुपये है। यह फेज-4 की पहली परियोजना है। इसके अलावा, पीएम मोदी ने रिठाला से कुंडली तक 26.5 किलोमीटर लंबे सेक्शन की आधारशिला भी रखी, जिसकी लागत 6,230 करोड़ रुपये होगी। यह कॉरिडोर दिल्ली और हरियाणा के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

भारत के मेट्रो नेटवर्क का बढ़ता दायरा

2002 में दिल्ली में मेट्रो की शुरुआत के बाद से भारत के मेट्रो नेटवर्क ने तेजी से विस्तार किया है। यह विकास न केवल शहरी आवागमन को सुगम बना रहा है बल्कि आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी सकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।

TAGGED:
Share This Article
उत्कृष्ट, निष्पक्ष, पारदर्शिता और ईमानदारी - पत्रकारिता की पहचान है k k sagar....✍️....