रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान मंगलवार को दिल्ली में आयोजित 23वें भारत-रूस सालाना शिखर सम्मेलन ने दोनों देशों के रिश्तों को नई दिशा और मजबूती दी। यह शिखर वार्ता द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार, रक्षा और परमाणु ऊर्जा के लिहाज से बेहद ऐतिहासिक साबित हुई।
🔹 पुतिन ने जताया आभार — “भारत में स्वागत दिल को छू लेने वाला”
बैठक के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा —
🗣️ “मैं भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, भारत के प्रधानमंत्री और हमारे सभी भारतीय साथियों को रूसी प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं कल अपने आवास पर डिनर के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं।”
उन्होंने भारत यात्रा को सफल और संतोषजनक बताया और कहा कि यह सहयोग को अगले स्तर पर ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
🤝 मोदी-पुतिन वार्ता के बाद अनेक अहम समझौते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों देशों ने कई सेक्टरों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
सम्मेलन में हुए प्रमुख करार —
✔ शिपिंग और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में दो महत्वपूर्ण MoU
✔ केमिकल और फर्टिलाइज़र क्षेत्र में साझेदारी का विस्तार
✔ हेल्थकेयर सेक्टर में सहयोग पर हस्ताक्षर
इन समझौतों के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार और लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी को मजबूत करने का मार्ग साफ हुआ है।
🔥 जहाज निर्माण से यूरिया उत्पादन तक — बहु-क्षेत्रीय साझेदारी
इस साल के सम्मेलन में दोनों देशों ने बहु-क्षेत्रीय सहयोग पर विशेष जोर दिया।
▶️ युद्धपोत व जहाज निर्माण तकनीक
▶️ यूरिया और उर्वरक उत्पादन
▶️ ऊर्जा और तेल-गैस आपूर्ति
इन क्षेत्रों में साझेदारी को आगे बढ़ाने का निश्चय किया गया।
⚛ परमाणु ऊर्जा सहयोग को मिलेगा नया विस्तार
बैठक में परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर विशेष सहमति बनी।
दोनों देशों ने कहा कि आने वाले वर्षों में —
🔸 न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी और सुरक्षा
🔸 बिजली उत्पादन
🔸 ऊर्जा दक्षता
इन पर मिलकर कार्य किया जाएगा।
📌 PM मोदी बोले — “25 साल पहले रखी गई आधारशिला अब मजबूत रूप ले रही है”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा —
🗣️ “करीब 25 साल पहले रखी गई रणनीतिक पार्टनरशिप की नींव आज व्यापक और मजबूत सहयोग में बदल चुकी है।”
वहीं, पुतिन ने भी भारत-रूस संबंधों को “स्थिर, रचनात्मक और परस्पर विश्वास पर आधारित” बताया।

