बिजबेहरा और त्राल में आतंकी ठिकानों पर सेना की ताबड़तोड़ कार्रवाई, आदिल थोकर और आसिफ शेख घोषित मोस्ट वांटेड, ₹20 लाख का इनाम।
श्रीनगर: कश्मीर घाटी के पहलगाम में हालिया आतंकी हमले के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में जो सख्त कदम उठाए हैं, उसने आतंकवादियों और उनके मददगारों में खलबली मचा दी है। शुक्रवार को सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े दो आतंकियों के घरों को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई अनंतनाग और पुलवामा जिलों के संवेदनशील इलाकों में की गई।
सूत्रों के मुताबिक, पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए बर्बर आतंकी हमले में आदिल हुसैन थोकर और आसिफ शेख की संलिप्तता पाई गई थी। दोनों को मोस्ट वांटेड घोषित कर दिया गया है। अनंतनाग पुलिस ने इन पर इनाम भी घोषित कर रखा है—हर एक पर ₹20 लाख की राशि।
घर में मिला विस्फोटक, फिर हुआ धमाका
बिजबेहरा के गुरी गांव में तलाशी के दौरान सेना को आदिल थोकर के घर में भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री मिली। सेना के जवान जब उस जगह से बाहर निकल ही रहे थे, तभी एक जोरदार धमाका हो गया। इस विस्फोट में घर पूरी तरह नष्ट हो गया।
इसी तरह, त्राल निवासी आसिफ शेख का ठिकाना भी सेना के रडार पर था। सुरक्षा बलों ने उसके घर को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। बताया जा रहा है कि आसिफ भी बैसरन पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले में सीधे तौर पर शामिल था।
पाकिस्तान से जुड़ रहा है आदिल का कनेक्शन
जांच में यह खुलासा हुआ है कि आदिल थोकर ने 2018 में वैध पासपोर्ट के जरिए पाकिस्तान की यात्रा की थी। वहां उसने आतंकी प्रशिक्षण लिया और पिछले वर्ष घाटी में लौटकर सक्रिय हो गया। उसका नेटवर्क सीमापार आतंकी संगठनों से जुड़ा हुआ था।

भारत की पांच बड़ी जवाबी कार्रवाइयां
22 अप्रैल को हुए Pahalgam Attack के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाया। 24 अप्रैल को बुलाई गई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच कड़े फैसले लिए गए:
- सिंधु जल समझौता निलंबित
- पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द
- अटारी-वाघा सीमा बंद
- पाक उच्चायोग में सीमित दूतावास गतिविधियां
- इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास में सेवाएं सीमित
26 पर्यटकों की दर्दनाक मौत ने झकझोरा देश
बैसरन, पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने देश को अंदर तक हिला दिया। इसमें 26 मासूम पर्यटकों की जान चली गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। यह हमला न सिर्फ मानवता पर धब्बा है, बल्कि भारत की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक चेतावनी भी।