भारतीय रेलवे ने कवच 4.0 से बढ़ाई सुरक्षा,कोटा-सवाई माधोपुर खंड पर सफल परीक्षण

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डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया:भारतीय रेलवे ने 16 जून 2024 को अपने उन्नत सुरक्षा प्रणाली कवच 4.0 को मंजूरी दी थी। इसके बाद, मात्र दो महीनों के भीतर कोटा और सवाई माधोपुर के बीच 108 किमी रेलखंड पर इसे सफलतापूर्वक स्थापित कर 26 सितंबर तक चालू कर दिया गया। कवच 4.0 के अंतिम रूप दिए जाने के साथ ही भारतीय रेलवे की विविधताओं, जैसे रेगिस्तान, पहाड़, जंगल, तटीय क्षेत्र, शहर और गांवों को ध्यान में रखते हुए इसका डिज़ाइन तैयार किया गया है।

रेल मंत्री द्वारा कवच 4.0 का परीक्षण

रेल मंत्री ने 24 सितंबर को इस रेलखंड में कवच 4.0 के 7 महत्वपूर्ण परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न किए। इस बड़ी उपलब्धि के साथ, भारतीय रेलवे अब पूरे देश में मिशन मोड में कवच प्रणाली को लागू करने के लिए तैयार है।

ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम: परिचय

ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) सिस्टम एक सुरक्षा प्रणाली है, जिसका मुख्य उद्देश्य रेल यातायात में ट्रेनों को सुरक्षित गति से संचालित करना और खतरे की स्थिति में सिग्नल पार करने से रोकना है। यह प्रणाली स्वचालित रूप से ट्रेन की गति नियंत्रित करती है और ज़रूरत पड़ने पर ब्रेक भी लगा सकती है। एटीपी आधुनिक रेलवे सिग्नलिंग का महत्वपूर्ण घटक है, जो मानवीय त्रुटियों को कम करते हुए सुरक्षित ट्रेन संचालन सुनिश्चित करता है।

दुनिया भर में एटीपी सिस्टम की तैनाती

दुनिया भर के कई देशों ने अलग-अलग समय पर इस प्रकार की सुरक्षा प्रणालियाँ लागू की हैं। यूएसए में 1980 के दशक में पॉजिटिव ट्रेन कंट्रोल (पीटीसी) प्रणाली लागू हुई थी, जबकि यूरोप ने 21वीं सदी में यूरोपीय ट्रेन नियंत्रण प्रणाली (ETCS) का विकास किया। इसी तरह जापान में 1964 में शिंकानसेन एटीपी प्रणाली शुरू की गई और रूस में 1988 में KULB प्रणाली लागू हुई।

भारत में एटीपी का विकास

भारत में प्रारंभिक सुरक्षा प्रणाली 1986 में मुंबई उपनगरीय क्षेत्र में सहायक चेतावनी प्रणाली (AWS) के रूप में लागू की गई थी, लेकिन यह पूर्ण एटीपी प्रणाली नहीं थी। इसके बाद 2012 में भारतीय रेलवे पर एक स्वदेशी रेडियो आधारित टक्कर रोधी प्रणाली (कवच) विकसित की गई, जो एटीपी प्रणाली का उन्नत संस्करण है।

कवच 4.0 की तैनाती का मिशन

मार्च 2022 में कवच 4.0 के उन्नत संस्करण को लागू करने का निर्णय लिया गया, जो विभिन्न यातायात और ट्रेनों की विविधताओं के अनुरूप डिजाइन किया गया है। इसके तहत दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा के उच्च घनत्व वाले रूट्स पर कवच 4.0 की तैनाती तेजी से की जा रही है। इन रूट्स पर काम इस वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरा हो जाएगा।

कवच 4.0 का भविष्य

रेल मंत्रालय ने 10,000 इंजनों पर कवच 4.0 स्थापित करने की मंजूरी भी दे दी है। इसके लिए निविदा प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिससे भारतीय रेलवे के पूरे नेटवर्क पर कवच प्रणाली की तेजी से तैनाती में मदद मिलेगी। 16 सितंबर 2024 को कोटा और सवाई माधोपुर के बीच 108 किमी सेक्शन पर कवच 4.0 का पहला ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा हुआ, जो आने वाले समय में रेलवे सुरक्षा में क्रांति लाने का संकेत है।

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