डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस में ईरान के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन से मुलाकात की। यह बैठक पेजेश्कियन के जुलाई में राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी से उनकी पहली मुलाकात है। इस दौरान पेजेश्कियन ने पश्चिम एशिया में शांति और तनाव कम करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि भारत, क्षेत्र के सभी पक्षों के साथ अच्छे संबंधों के कारण, इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
चाबहार बंदरगाह और आइएनएसटीसी पर चर्चा
ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान हुई इस बैठक में दोनों नेताओं ने चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आइएनएसटीसी) पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि राष्ट्रपति पेजेश्कियन के साथ मुलाकात सार्थक रही और इसमें द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की गई। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस वार्ता को उपयोगी बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक और रणनीतिक सहयोग पर विशेष ध्यान दिया गया।
पश्चिम एशिया में तनाव और अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा
दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव पर गंभीर चिंता व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी पक्षों से आह्वान किया। विक्रम मिसरी ने बताया कि इस वार्ता के दौरान अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति पर भी विचार-विमर्श किया गया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने ईरानी राष्ट्रपति को भारत आने का निमंत्रण दिया है।जिसे पेजेश्कियन ने स्वीकार कर लिया है।
इजरायल-हमास संघर्ष के बीच हुई बैठक
यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब इजरायल, हमास और हिजबुल्ला के बीच संघर्ष गहराता जा रहा है। इस संदर्भ में भारत और ईरान ने क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए कूटनीतिक समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया।
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