जमशेदपुर : रविन्द्र भवन सभागार साकची में नोडल पदाधिकारी वैक्सीनेशन कोषांग सह जिला आपूर्ति पदाधिकारी राजीव रंजन व जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी कृष्ण कुमार द्वारा निजी विद्यालयों के प्रिंसिपल, आंगनबाड़ी सेविका आदि के साथ 15-18 आयु वर्ग के वैक्सीनेशन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की गई। वैक्सीनेशन कोषांग के नोडल पदाधिकारी ने कहा कि जिले में 15-18 आयु वर्ग में राज्य से 166751 बच्चों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य प्राप्त है, जिसमें अब तक 63 फीसदी लक्ष्य प्राप्ति हुई है। वहीं शहरी क्षेत्र में मात्र 55 फीसदी बच्चों ने ही वैक्सीन लिया है। उन्होने सभी स्कूल प्रिंसिपल को स्पष्ट निर्देश दिए कि बिना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की जांच किए किसी भी बच्चे को इंट्री नहीं देंगे। नोडल पदाधिकारी ने बताया कि शहरी क्षेत्र में जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति अंतर्गत 11 थाना क्षेत्रों में पहले चरण में घर-घर सर्वे अभियान 8 फरवरी से चलाया जाएगा, जिसका बाद में अन्य क्षेत्रों में विस्तार किया जाएगा।

किसी विद्यालय में नामांकित बच्चों का शत प्रतिशत वैक्सीनेशन हो चुका है तो संबंधित विद्यालय प्रबंधन जिला प्रशासन को रिपोर्ट समर्पित करेंगे। जिला के पदाधिकारियों द्वारा विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया जाएगा, जिसमें रिपोर्ट में गड़बड़ी पाये जाने पर स्कूल प्रबंधन के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। वैसे बच्चे जिनका नामांकन किसी विद्यालय में नहीं है उनको केन्द्रित कर घर-घर सर्वे अभियान चलाया जाना है, जहां मौके पर ही वैक्सीनेशन कोषांग की टीम द्वारा 15-18 के योग्य बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। सर्वे टीम में प्रोबेशनर डिप्टी कलेक्टर के साथ एएनएम, सुपरवाईजर, कंप्यूटर ऑपरेटर आदि टैग किए जाएंगे। नोडल पदाधिकारी ने कहा कि सर्वे टीम का यह भी दायित्व होगा कि 18+ तथा 60 वर्ष के भी कोई व्यक्ति जिन्होने पहला, दूसरा या प्रिकॉशन डोज नहीं लिया है तो उनका वैक्सीनेशन सुनिश्चित करेंगे।

इधर जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के विशेष पदाधिकारी श्री कृष्ण कुमार ने कहा कि जिस तरह से 18+ के लोग कोरोना संक्रमण के खतरा से मुक्त हुए हैं वैसे ही अपने बच्चों को भी इस खतरे से मुक्त करना है। हम सभी की जिम्मेदारी है कि जिला प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे वैक्सीनेशन अभियान में परस्पर सहभागिता दिखाएं, ताकि पिछले 2 साल से कोरोना संक्रमण के कारण बच्चों की पढ़ाई जो बाधित हुई है वो पुन: बहाल हो पाए। उन्होने कहा कि अगर कोई बच्चा किसी बीमारी के कारण वैक्सीन नहीं लेना चाहता है तो संबंधित अभिभावक से डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन का डिमांड करें। उन्होने बताया कि घर-घर सर्वे अभियान का मुख्य उद्देश्य वैसे बच्चों को चिन्हित करना है जिन्होने किसी कारणवश अबतक कोविड वैक्सीन नहीं लिया है।