डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: झरिया विधानसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला बेहद रोचक है। कांग्रेस की ओर से वर्तमान विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह और भाजपा से रागिनी सिंह आमने-सामने हैं। पूर्णिमा नीरज सिंह झरिया के रघुकुल का प्रतिनिधित्व करती हैं, जबकि रागिनी सिंह मेंशन परिवार से ताल्लुक रखती हैं।
त्रिकोणीय मुकाबला बना रहे रुस्तम अंसारी
इस बार टाइगर जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम के उम्मीदवार रुस्तम अंसारी मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं। ग्रामीण और अल्पसंख्यक वोटरों को साधने के लिए वह पूरी ताकत झोंक दी है। उनका लक्ष्य इन वोटरों को अपने पक्ष में कर समीकरण बदलने का है।
महागठबंधन को तनाव, भाजपा को फायदा?
झरिया में त्रिकोणीय लड़ाई से महागठबंधन के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अगर मुस्लिम वोट कांग्रेस से खिसकते हैं, तो इसका सीधा लाभ भाजपा को मिलने की संभावना है। रुस्तम अंसारी का पिछला चुनावी प्रदर्शन भी चौंकाने वाला था। उन्होंने 2014 में मार्क्सवादी समन्वय समिति से चुनाव लड़ा और करीब 19 हजार वोट हासिल किए थे। उस चुनाव में कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही थी और भाजपा ने जीत दर्ज की थी।
भाजपा और कांग्रेस के लिए चुनौती
भाजपा की रागिनी सिंह ने कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह पर झरिया को पिछड़ा रखने का आरोप लगाया है। रागिनी ने पिछले पांच वर्षों में झरिया में सक्रियता बनाए रखी, जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि त्रिकोणीय मुकाबले में किसे जीत मिलती है और झरिया की जनता किसे अपना जनप्रतिनिधि चुनती है।