मिरर मीडिया : बाघमारा के बेनीडीह एनकाउंटर मामले की जांच के 5 महीने बीत जाने के बाद भी
पूरी नहीं हो सकी है। और अबतक तीन जांच अधिकारी भी बदल दिए गए हैं पर मामला अब भी फाइलों में ही दबा हुआ है।
विदित हो कि वर्ष 2022 के नवंबर माह में सीआईएसएफ द्वारा क्विक रिस्पांस टीम और कोयला तस्करों के बीच बेनीडीह रेलवे साइडिंग के पास भिड़ंत में चार लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई घायल हो गए थे। यहाँ मोटरसाइकिल से अम्बे आउटसोर्सिंग माइंस से कोयला लेकर जा रहें कुछ लोगों को टीम द्वारा चेतावनी दी गई जिसके बाद मोटरसाइकिल छोड़ भाग निकले।
जबकि टीम ने आरोप लगाते हुए बताया कि आधी रात के बाद उनलोगों पर हथियार से हमला किया गया और हथियार छीनने की भी कोशिश की गई। वहीं हथियार की सुरक्षा के लिए टीम द्वारा हवाई फायरिंग की कोशिश करने के क्रम में छिना झपटी में गोली उन लोगों को लग गई जिसमें 4 की मौत हो गई और CISF के दो जवान सहित कई लोग घायल भी हो गए। इसपर राजनीतिक दलों और कुछ लोगों ने CISF द्वारा जानबूझ के गोली चलाने का आरोप लगाया है।
मामले में दोनों पक्षों से FIR भी दर्ज कराई गई।
इसके इतर जिला प्रशासन ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर की रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था। जबकि CISF की टीम द्वारा अलग से कराई गई जांच की रिपोर्ट भी अबतक सार्वजनिक नहीं की गई।
एनकाउंटर की घटना के बाद उपायुक्त संदीप सिंह ने एडीएम (लॉ एंड आर्डर) के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम भी गठित की थी। टीम ने एसडीएम भी थे घटना के समय वहां अपर समाहर्ता एडीएम (लॉ एंड आर्डर) के प्रभार में थे बता दें कि घटना की जांच पूरी नहीं हो पाई थी कि एडीएम विधि व्यवस्था का प्रभार डीआरडीए के निदेशक लेखा प्रशासन मोहम्मद मुमताज अली अहमद को मिल गया। हालांकि इस टीम ने एक बार घटनास्थल का दौरा भी किया कुछ लोगों के बयान भी दर्ज किए वही राज्य सरकार ने एडीएम (लॉ एंड आर्डर) के पद पर कमलाकांत गुप्ता की पोस्टिंग कर दी। जबकि सूत्रों की मानें तो नए एडीएम विधि व्यवस्था द्वारा अब तक घटनास्थल का दौरा भी नहीं किया।