मिरर मीडिया : यातायात नियमों को दरकिनार करते हुए कम उम्र के बच्चें बेधड़क होकर झाझा में इलेक्ट्रिक वाहन टोटो का परिचालन कर रहे हैं। सवाल ये उठता है कि बिना लाइसेंस के इनके हाथों में टोटो थमाया किसने? आपको बता दें कि झाझा प्रखंड में तक़रीबन 500 से ऊपर टोटो का परिचालन होता है। एक स्थान से दूसरे स्थान और झाझा रेलवे स्टेशन से झाझा प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में यात्री नित्यदिन आवागमन करते हैं। वहीं कई सारे टोटो चालक 18 से कम उम्र के वाहन चलाते दिख जाएंगे जिनके पास ना अभी लाइसेंस बनाने की उम्रसीमा है ना ही वो पूरी तरह से परिपक्व है। ऐसे में यात्री से भरी टोटो निश्चय ही उनके हाथ में खतरे की घंटी ही है जो बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण दे रहा है।
आपको बता दें कि वाहन चलाने के लिए परिवहन विभाग से लाइसेंस बनाने की जरुरत होती है और नियमानुसार 18 वर्ष एक तय उम्रसीमा निर्धारित की गई है। पर ये कम उम्र के बच्चें बिना लाइसेंस के ही बेखौफ़ होकर सवारी लेकर अपनी टोटो शहर में इधर उधर दौड़ाते हैं। लिहाजा यात्री की जान हमेशा जोखिम भरी होती है। वहीं इसके इतर इस संदर्भ में ना ही पुलिस प्रशासन की नज़र गई है और ना ही अबतक जिला परिवहन विभाग ने कोई कदम उठाया है। अगर जल्द ही इसपर कोई ठोस कदम ना उठाया गया तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है।