इजरायली पीएम ने नोबेल प्राइज कमेटी को लिखा पत्र, दोस्त डोनाल्ड ट्रंप के लिए की बड़ी डिमांड

Neelam
By Neelam
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इजरायली सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है। अमेरिका दोरे पर पहुंचे इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खुद इसकी जानकारी दी। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को उनके लिए व्हाइट हाउस में डिनर का आयोजन किया था। इस मौके पर नेतन्याहू अपने दोस्त ट्रंप के लिए एक खास तोहफा लेकर पहुंचे। इजराइली पीएम ने डोनाल्ड ट्रंप को एक पत्र सौंपा, जो उनकी सरकार की ओर से नोबेल पुरस्कार समिति को भेजा गया है। इस पत्र में डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रयासों को बताते हुए उनको नोबेल पीस प्राइज देने की सिफारिश की गई है।

इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में डिनर पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ट्रंप को बताया कि उन्होंने नोबेल पुरस्कार के लिए ट्रंप को नामित करने की सिफारिश की थी। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल पुरस्कार समिति को भेजा गया वही पत्र ट्रंप को भेंट भी किया। डोनाल्ड ट्रंप को पत्र सौंपते हुए नेतन्याहू ने कहा कि आपको शांति का नोबेल मिलना चाहिए। 

ट्रंप को बताया नोबेल प्राइज का हकदार

इजराइल के पीएम नेतन्याहू ने कहा कि मैं आपको नोबेल पुरस्कार समिति को भेजा गया पत्र दिखाना चाहता हूं। इसमें आपको शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है, जिसके आप हकदार हैं। इस पर ट्रंप ने नेतन्याहू को धन्यवाद दिया। ट्रंप ने कहा- मुझे इस बारे में नहीं पता था, आपका बहुत बहुत धन्यवाद। यह बहुत सार्थक है। 

पाकिस्तान भी कर चुका है मांग

इससे पहले पाकिस्तान की ओर से भी ट्रंप को नोबेल पुरस्कार दिए जाने की बात की गई थी। मुनीर ने हाल ही में अमेरिका के दौरे के बाद ट्रंप के लिए नोबेल की मांग उठाई थी।

फिर श्रेय लेने की कोशिश

वहीं, इजराइली पीएम से मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम का श्रेय लेते दिखे। नेतन्याहू से उन्होंने कहा कि हमने बहुत सी लड़ाइयां रोकी हैं, इनमें सबसे बड़ी लड़ाई भारत और पाकिस्तान के बीच थी। हमने व्यापार के मुद्दे पर इसे रोका है। हम भारत और पाकिस्तान के साथ काम कर रहे हैं। हमने कहा था कि अगर आप लड़ने वाले हैं तो हम आपके साथ बिल्कुल भी काम नहीं करेंगे। वे शायद परमाणु स्तर पर जाकर जंग लड़ना चाहते थे।  इसे रोकना वाकई महत्वपूर्ण था।

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