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बाघमारा विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला रोचक हो गया है, क्योंकि कांग्रेस के उम्मीदवार जलेश्वर महतो अपनी पुरानी हार को भुलाकर एक बार फिर भाजपा उम्मीदवार शत्रुघ्न महतो को चुनौती दे रहे हैं। यह सीट इसलिए भी खास है क्योंकि शत्रुघ्न महतो कोई और नहीं, बल्कि क्षेत्र के तीन बार के विधायक और वर्तमान सांसद ढुलू महतो के छोटे भाई हैं। ढुलू महतो ने अपने राजनीतिक करियर में बाघमारा से लगातार तीन बार जीत दर्ज की है और सांसद बनने के बाद अब इस सीट पर अपने भाई की जीत सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
पिछले चुनावों में जलेश्वर महतो की स्थिति और ढुलू महतो का दबदबा
पिछले तीन विधानसभा चुनावों में जलेश्वर महतो को शिकस्त का सामना करना पड़ा, लेकिन हर बार उन्होंने विरोधियों को कड़ी टक्कर दी। 2009 में झाविमो से लड़ते हुए ढुलू महतो ने 56,028 वोटों के साथ जीत हासिल की, जबकि जलेश्वर महतो को जदयू से 36,066 वोट मिले। 2014 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर ढुलू महतो ने 86,549 वोटों से विजय पाई, वहीं जलेश्वर महतो जदयू से 56,955 वोटों के साथ पीछे रहे। 2019 में भी ढुलू महतो ने 78,291 वोट प्राप्त किए, जबकि जलेश्वर महतो को कांग्रेस की ओर से 77,467 वोट मिले।
राजनीतिक विरासत का सवाल
बाघमारा विधानसभा सीट का इतिहास यह बताता है कि यहां लगातार तीन बार जीत हासिल करने वाले केवल दो नेता रहे हैं – ओपी लाल और ढुलू महतो। ओपी लाल ने 1985, 1990, और 1995 में कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की और मंत्री भी बने। उनके बाद ढुलू महतो ने तीन बार विधायक पद पर काबिज होकर एक नई मिसाल कायम की। ढुलू महतो ने इस क्षेत्र में अपना दबदबा बनाए रखा और अब सांसद बनने के बाद अपनी राजनीतिक विरासत अपने भाई शत्रुघ्न महतो को सौंप दी है। भाजपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि इंडिया गठबंधन से कांग्रेस के जलेश्वर महतो उनके सामने मैदान में हैं।
इंडिया गठबंधन का समर्थन और जलेश्वर महतो का चुनावी अभियान
जलेश्वर महतो को इस बार इंडिया गठबंधन का समर्थन प्राप्त है, जिसमें झामुमो, भाकपा माले, और राजद भी शामिल हैं। महुदा में आयोजित चुनावी सभा में जलेश्वर महतो ने भाजपा पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जनता को लूटने का काम किया है, और सांसद ढुलू महतो पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें पहले अपने 15 वर्षों के कार्यकाल का हिसाब देना चाहिए। जलेश्वर महतो ने वादा किया कि अगर उन्हें जनता का आशीर्वाद मिला, तो वे बाघमारा में अमन-चैन स्थापित करेंगे और क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।
इस चुनाव में महागठबंधन के नेताओं ने भी जलेश्वर महतो के समर्थन का संकल्प लिया। सभा में कांग्रेस, झामुमो, भाकपा माले और राजद के कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे और उन्होंने एकजुट होकर इस चुनाव में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने का संकल्प लिया।
भाजपा की रणनीति और ढुलू महतो की सक्रियता
भाजपा ने इस बार ढुलू महतो के भाई शत्रुघ्न महतो को उम्मीदवार घोषित किया है। ढुलू महतो ने अपने भाई के लिए प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंक दी है। उनके लिए यह चुनाव व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। उन्होंने अपने क्षेत्र में व्यापक जनसंपर्क अभियान शुरू किया है और अपने भाई की जीत सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
सांसद ढुलू महतो ने अपने आवास पर भाजपा प्रत्याशी राज सिन्हा का स्वागत किया और उन्हें चुनाव में सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। राज सिन्हा ने भी चिटाही धाम में रामराज मंदिर का दर्शन कर अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत की। भाजपा प्रत्याशियों की सक्रियता यह संकेत दे रही है कि वे इस बार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते।
बाघमारा का सियासी समीकरण और संभावित नतीजे
बाघमारा विधानसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बन रही है। भाजपा की ओर से शत्रुघ्न महतो और कांग्रेस की ओर से जलेश्वर महतो आमने-सामने हैं। साथ ही, जयराम महतो की पार्टी भी इस बार अपनी दावेदारी पेश कर सकती है। जयराम महतो की सक्रियता से बाघमारा में टकराव और तीव्र हो गया है। यह सीट ढुलू महतो के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुकी है, जबकि जलेश्वर महतो के लिए यह उम्र के लिहाज से शायद अंतिम चुनाव हो।
इस चुनाव में बाघमारा की जनता का रुख निर्णायक साबित होगा। एक ओर ढुलू महतो की राजनीतिक विरासत है, तो दूसरी ओर जलेश्वर महतो का अनुभव और महागठबंधन का समर्थन है। बाघमारा की जनता को यह तय करना है कि वे किसे अपना अगला विधायक चुनेंगे – ढुलू महतो के भाई शत्रुघ्न महतो या अनुभवी नेता जलेश्वर महतो।