मिरर मीडिया : सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार किसी भी स्कूल में अध्ययनरत बच्चे की केवल एक ही बार नामांकन की जानी है इसके बाद लगातार बच्चे का प्रमोशन एक क्लास से दूसरे क्लास में किया जाना तय है, पर इस निर्णय को दरकिनार करते हुए लगातार जिले के निजी विद्यालयों द्वारा वैसे बच्चें जो दसवीं की बोर्ड परीक्षा पास कर 11वीं में नामांकन करा रहें है उनसे शुल्क वसूला जा रहा है।
आपको बता दें कि छात्र जिस विद्यालय में नामांकन कराया है उस विद्यालय में अंतिम कक्षा यानी जबतक वो विद्यालय में पढ़ रहा है तबतक उससे दूसरे कक्षा में जाने के नाम पर किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं वसूला जाना है। जबकि दूसरे विद्यालय से आए छात्रों से नामांकन को लेकर शुल्क वसूल किया जा सकता है। वहीं जिले के कई प्रसिद्ध स्कूलों में 7 हजार से 20 हजार तक के शुल्क वसूले जाते हैं। जबकि सूत्रों कि माने तो कुछ पब्लिक स्कूल में दसवीं से 11वीं के लिए रजिस्ट्रेशन के नाम पर 2500 रूपये भी लिया जा रहा है।
अगर आपके बच्चे ने किसी भी निजी स्कूलों में क्लास दसवीं की बोर्ड परीक्षा पास कर ली है और 11वीं में नामांकन कराना चाहते है तो हो जाए सावधान क्योंकि निजी विद्यालय नए तरीके से नामांकन की सारी प्रक्रिया पूर्ण करने के नाम पर सभी प्रकार की शुल्क का मांग करेंगे जो शुरुआती दौर में या नये नामांकन के समय में मांगा जाता है,जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार किसी भी स्कूल में अध्ययनरत बच्चे की केवल एक ही बार नामांकन की जानी है इसके बाद लगातार बच्चे का प्रमोशन एक क्लास से दूसरे क्लास में किया जाना है, लेकिन जिले के निजी विद्यालयों द्वारा लगातार अभिभावकों का आर्थिक शोषण किया जाता रहा है।
कोर्ट के निर्देशानुसार अगर कोई छात्र उसी विद्यालय से क्लास दसवीं की परीक्षा पास कर 11वी में अध्ययन करना चाहता है तो उसे पुनः नये सिरे से नामांकन के नाम पर शुल्क लिया जाना गैरकानूनी है तथा पुराने नामांकन के आधार पर वह अपनी शिक्षा जारी रख सकता है। इसके लिए किसी प्रकार के नामांकन शुक्ल या अन्य संबंधित शुल्क के लिए छात्र को बाध्य नहीं किया जा सकता। लेकिन अधिकांश अभिभावकों को यह नियम मालूम ही नहीं है नतीजा उन्हें अपने बच्चों के नामांकन करने के लिए उसी विद्यालय में फिर से नामांकन शुल्क देना पड़ता है और स्कूल इसका फायदा उठाकर अभिभावकों की जेब ढीली कर मोटी कमाई करते हैं।
बता दें कि किसी भी छात्रों को उसी स्कूल में कक्षा 11 में अपनी शिक्षा लगातार जारी रखने के लिए सभी विषयों में उत्तीर्ण होना आवश्यक है यानी केवल पास मार्क्स लाने पर उन्हें कक्षा इलेवन में प्रोन्नति दी जानी है। परंतु नामांकन के लिए अपने बच्चों के बीच मेरीट के आधार पर उन्हें विषय आवंटित किया जा सकता है। कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अपने स्कूल के छात्रों का नामांकन हो जाने के पश्चात ही स्कूल द्वारा बाहर के बच्चों से आवेदन आमंत्रित किया जा सकता है।
वहीं न्यायालय के आदेश अनुसार एक भी बच्चा यदि बाहर का नामांकन होता है तो इसका तात्पर्य है कि उक्त विद्यालय ने अपने सभी बच्चों का नामांकन ले लिया गया है और उसके पश्चात सीटें रिक्त रह गई। जबकि पास मार्क्स लाने के बाद भी छात्रों को प्रोन्नति दिया जाना है।
ज्ञात रहें कि इसी सन्दर्भ में अभिभावक एवं समाजसेवी कुमार मधुरेंद्र ने अपने पुत्र का दिल्ली पब्लिक स्कूल धनबाद एवं पुत्री का कार्मल स्कूल धनबाद में नामांकन दाखिल शुल्क इन्हीं आदेश के आलोक में पुर्व में 2020-2021 में स्कूल प्रबंधन,शिक्षा विभाग धनबाद, झारखंड सरकार,CBSE/ICSE board एवं बाल संरक्षण आयोग को इस प्रकरण की जानकारी दी और अवैध रूप से लिए जा रहे शुल्क को माफ़ भी कराया जिसके फलस्वरूप कई अन्य बच्चों को भी उसका लाभ हुआ। पर समय के साथ विद्यालयों की मनमानी और अभिभावकों की अल्प जानकारी से अभी भी कई स्कूलों द्वारा अवैध शुल्क को वसूला जा रहा है।
झारखंड अभिभावक महासंघ द्वारा भी लगातार इस मुद्दे को उठाया गया एवं इसकी शिकायत पर जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा समय-समय पर सभी स्कूलों के साथ पत्राचार किया गया है हालाँकि स्कूलों पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा मगर आवाज उठाने वाला अभिभावकों के साथ स्कूल रियायत कर देते हैं और जो लोग आवाज नहीं उठाते हैं उनसे पुनः नामांकन के नाम पर पैसे ले ली जाती है। धनबाद के कई ऐसे निजी विद्यालय हैं जहां पर अभिभावकों ने नियम संगत आवाज उठाए हैं और उन्हें 11वीं में नामांकन के लिए पैसे नहीं देने पड़े।
वहीं कुछ ऐसे स्कूल हैं जहाँ अभिभावकों के सजगता और विरोध के कारण शुल्क नहीं वसूला जा सका है। आपको बता दें कि विद्यालय एजुकेशन एक्सटेंशन के नाम पर भी मनमानी शुल्क ली जाती है जो पूर्णतः गलत है। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की अवहेलना कर दसवीं के बाद 11वीं में नामांकन के नाम पर मनमाने तरीके से वसूला जाने वाला अवैध शुल्क पर सम्बंधित विभाग कब संज्ञान लेती है और कार्रवाई करती है ये देखने वाली बात होगी