हजारीबाग: जिले में पुलिस प्रताड़ना का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें पगार ओपी थाना प्रभारी पर झूठा मुकदमा दर्ज कर UPSC की तैयारी कर रहे छात्र को जेल भेजने का आरोप लगा है। इस मुद्दे को लेकर हजारीबाग के सांसद मनीष जायसवाल ने छोटानागपुर रेंज के डीआईजी संजीव कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की और लिखित आवेदन सौंपकर निष्पक्ष जांच की मांग की।
पूरा मामला कोयल खनन कंपनी से जुड़ा है। पीड़ित मूलचंद साव ने बताया कि उनकी जमीन और मकान को कोयला उत्खनन के लिए अधिग्रहित कर लिया गया था। मुआवजे को लेकर उन्होंने पगार ओपी में आवेदन दिया, लेकिन जब वहां सुनवाई नहीं हुई, तो उन्होंने ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाई। आरोप है कि इससे नाराज होकर थाना प्रभारी विक्की ठाकुर ने उनके बेटे शारदानंद कुमार पर सरकारी कार्य में बाधा डालने का झूठा आरोप लगाकर 12 मई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
सांसद जायसवाल ने अपने आवेदन में लिखा कि यह घटना पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। उन्होंने कहा, “जब एक पढ़ा-लिखा युवक भी न्याय नहीं पा रहा है, तो आम जनता की क्या स्थिति होगी?” सांसद ने इस पूरे मामले की सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से जांच कराने और थाना प्रभारी पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
पीड़ित परिवार का कहना है कि इस घटना ने एक होनहार छात्र के भविष्य को अंधकारमय बना दिया है। उन्होंने न्याय की गुहार लगाते हुए उम्मीद जताई है कि प्रशासन निष्पक्ष रुख अपनाएगा।
हालांकि, डीआईजी संजीव कुमार ने तत्काल किसी भी कार्रवाई से इनकार किया है, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए यह प्रकरण अब स्थानीय प्रशासन और मीडिया की विशेष निगरानी में आ गया है।