डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : निजी स्कूल की मनमानी एक बार फिर देखने को मिली है। डीबीएसएम स्कूल फॉर एक्सीलेंस, काशीडीह प्रबंधन द्वारा अपने स्कूल के क्लास 12वीं के छात्र निधीस राज गुप्ता और याना गुप्ता को स्कूल फीस बकाया होने के कारण बच्चों को उनके फस्ट टर्म की परीक्षा में वंचित रखा गया। अभिभावक संघ ने विषयों कि परीक्षा में ग्रेस मार्क्स देने और बाकी बचे हुए विषयों की परीक्षा में शामिल होने देने के आदेश देने की मांग जिला शिक्षा अधीक्षक से की है। जानकारी के अनुसार दोनों बच्चों का स्कूल फीस बकाया था और उस बकाया फीस में से 20,800 रुपये बच्चे के अभिभावक द्वारा अप्रैल महीना में जमा कर दिया गया था और बाकी फीस गर्मी छुट्टी के बाद स्कूल खुलने पर जमा करता तय हुआ था। इसी बीच 29 मई को बच्चों के पिता को हार्ट अटैक आया। जिसका टीएमएच अस्पताल में पिता का ऑपरेशन किया गया था। इस परिस्थिति में अभिभावक की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई। जिसके कारण स्कूल खुलने पर अभिभावक द्वारा फीस नही जमा किया जा सका था।
इस संबंध में बच्चे की माता द्वारा सभी बातों को और खराब आर्थिक स्थिति को स्कूल प्रबंधन को बताया गया था। लेकिन स्कूल प्रबंधन अभिभावक से 10 जुलाई तक हाल फीस जमा करवाना चाहता था। ऐसे में बच्चे की माता द्वारा फीस जमा करने के लिए 15 जुलाई तक का समय मांगा गया। उस बात को स्कूल प्रबंधन मानने को तैयार नहीं था। इसी बीच 09 जुलाई 24 से बच्चों कि फस्ट टर्म की परीक्षा शुरू हो गई। लेकिन स्कूल प्रबंधन इन दोनों बच्चों को शामिल नहीं होने दिया और उस स्कूल गए इन दोनों बच्चों को क्लास रूम से बाहर बैठा कर रखा गया और जब बच्चों की माता द्वारा इसका विरोध किया गया तो अब स्कूल प्रबंधन अटेंडेंस कम होने की बात कर दोनों बच्चों को स्कूल से बाहर करने की जुगत लगा रहा है।