डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से जिले के शत प्रतिशत सुयोग्य लाभुकों को आच्छादित किए जाने की दिशा में जिला प्रशासन सतत प्रयासरत है। इसी क्रम में जिला उपायुक्त अनन्य मित्तल द्वारा समाज कल्याण व शिक्षा विभाग के जिला व प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी के साथ वी.सी के माध्यम से समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। उप विकास आयुक्त मनीष कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी सीडीपीओ, बीईईओ, महिला पर्यवेक्षिका वी.सी से जुड़े।
राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने तथा आर्थिक सहयोग करते हुए ड्रॉप ऑउट रोकने को लेकर संचालित सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत 8वीं और 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्राओं को 2500 रुपये और 10वीं, 11वीं, और 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्राओं को 5000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। वहीं 18 या 19 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर सरकार की ओर से एकमुश्त अनुदान स्वरूप 20,000 रुपये दिए जाते हैं।
जिला उपायुक्त द्वारा प्रखंडवार सरकारी स्कूलों में 8वीं से 12वीं तक नामांकित छात्राओं, तथा स्कूल व कॉलेज में अध्ययनरत 18 व 19 आयु वर्ग के बालिकाओं की संख्या के विरूद्ध प्राप्त आवेदनों की समीक्षा की गई। उन्होने स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी विद्यालयों के प्राचार्य यह प्रमाण पत्र समर्पित करेंगे कि उनके विद्यालय के सभी सुयोग्य बालिकाओं को योजना से आच्छादित किया गया है। सभी सीडीपीओ को अपने पोषक क्षेत्र अंतर्गत कॉलेजों में भी अध्ययनरत 18 या 19 आयु वर्ग की बालिकाओं के पुन: सत्यापन का निर्देश दिया गया। ताकि उन्हें भी एकमुश्त 20,000 रुपये की सहयोग राशि आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रदान की जा सके।
समीक्षा के क्रम में पाया गया कि जिले का कुल लक्ष्य 55,000 के विरूद्ध अबतक सभी प्रखंडों से 32784 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें 10830 आवेदन जांच के बाद समाज कल्याण कार्यालय में जमा किया गया है शेष 21954 आवेदन प्रखंड अंतर्गत परियोजना कार्यालय में सत्यापित किए जा रहे हैं। शेष छूटे हुए बालिकाओं से आवेदन प्राप्त करने के लिए सभी सीडीपीओ व बीईईओ को एक सप्ताह का समय दिया गया तथा आपस में समन्वय बनाते हुए योजना में शत प्रतिशत उपलब्धि सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया। जिला उपायुक्त ने कहा कि एक भी सुयोग्य बालिका योजना का लाभ लेने से वंचित नहीं रह जाए इसका विशेष ध्यान रखेंगे अन्यथा संबंधित सीडीपीओ, बीईईओ एवं स्कूल के प्राचार्य की जबावदेही तय की जाएगी।