Jamshedpur news: एमजीएम अस्पताल में चार दिन से ओपीडी-ओटी बंद, मरीज परेशान

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डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर: महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 3 मई 2025 को हुए हादसे के बाद से स्वास्थ्य सेवाएं ठप हैं। मेडिसिन वार्ड की छत और बालकनी ढहने की घटना के बाद से अस्पताल की ओपीडी (आउटडोर पेशेंट डिपार्टमेंट) बंद है। इसके अगले ही दिन महिला व प्रसूति विभाग के ऑपरेशन थिएटर (ओटी) का प्लास्टर गिरने से एक महिला चिकित्सक घायल हो गई, जिसके बाद ओटी भी बंद कर दिया गया। इससे मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। अस्पताल में नए मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी गई है। इलाज के लिए आने वाले मरीजों को परसुडीह स्थित सदर अस्पताल या निजी अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है। खासकर गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों के लिए यह स्थिति मुश्किल साबित हो रही है, क्योंकि उनके पास निजी अस्पतालों में इलाज का खर्च वहन करने की क्षमता नहीं है।

क्या है मामला?
बता दें कि 3 मई 2025 को एमजीएम अस्पताल के मेडिसिन वार्ड के तीसरे तल्ले पर कॉरिडोर की छत और बालकनी ढहने से तीन मरीजों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे। इस हादसे के बाद अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से ओपीडी और ओटी को बंद कर दिया। अगले दिन ओटी में प्लास्टर गिरने की घटना ने स्थिति को और गंभीर कर दिया।

मरीजों की बढ़ी मुश्किलें
ओपीडी बंद होने से नियमित जांच और परामर्श के लिए मरीजों को अन्य अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। ओटी बंद होने से सर्जरी और आपातकालीन प्रक्रियाएं प्रभावित हुई हैं। मरीजों को सदर अस्पताल या निजी अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है, जिससे समय और खर्च की समस्या बढ़ रही है।

गौरतलब है कि झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने घटना की जांच के लिए एक समिति गठित की है, जिसे 48 घंटे में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, जर्जर भवनों को तोड़कर नया अस्पताल भवन बनाने की घोषणा की गई है। डिमना रोड पर 500 बेड के नए अस्पताल में ओपीडी शुरू की गई है, लेकिन पानी की कमी के कारण यह पूरी तरह संचालित नहीं हो सका है।

मरीजों की परेशानी पर सरयू व पुर्णिमा ने भी जताई नाराज़गी:
जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय और जमशेदपुर पूर्व की विधायक पूर्णिमा दास ने घटनास्थल का दौरा कर अस्पताल प्रशासन और सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है। स्थानीय लोगों ने भी जर्जर इमारत की मरम्मत के लिए पहले से की गई मांगों को नजरअंदाज करने पर नाराजगी जताई है।

वहीं एमजीएम अस्पताल की सेवाएं कब तक सामान्य होंगी, इस बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। मरीजों ने प्रशासन से जल्द से जल्द वैकल्पिक व्यवस्था और अस्पताल की मरम्मत की मांग की है। स्थानीय प्रशासन और सरकार से मांग है कि मरीजों की परेशानी को देखते हुए तत्काल कदम उठाए जाएं, ताकि स्वास्थ्य सेवाएं बहाल हो सकें।