जमशेदपुर: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए आतंकी फंडिंग पर चिंता, कड़े नियमों की मांग

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क/जमशेदपुर: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की हालिया रिपोर्ट में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और पेमेंट ऐप्स के माध्यम से आतंकी फंडिंग का खुलासा हुआ है, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया गया है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल और राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री सुरेश सोंथालिया ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, जो सुविधा और नवाचार के लिए बनाए गए थे, अब देशविरोधी गतिविधियों के लिए दुरुपयोग हो रहे हैं।

खंडेलवाल और सोंथालिया ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की जवाबदेही तय करने की मांग की। उन्होंने हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा अमेज़न के गोदामों पर की गई छापेमारी का जिक्र किया, जिसमें भारी मात्रा में नकली और घटिया सामान बरामद हुआ। यह घटना प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा नियामक अनुपालन और उपभोक्ता संरक्षण में लापरवाही को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियां स्थानीय छोटे व्यापारियों की आजीविका को नुकसान पहुंचा रही हैं और देश की आर्थिक व कानूनी व्यवस्था को कमजोर कर रही हैं।

CAIT के चेयरमैन बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार से त्वरित और सख्त कदम उठाने की मांग की। इसके लिए उन्होंने सुझाव दिए है।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उल्लंघनकर्ताओं पर कड़ी कार्रवाई हो।

एक व्यापक ई-कॉमर्स नीति लागू की जाए, जो पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करे।

डिजिटल पेमेंट गेटवे की सख्त निगरानी हो ताकि उनका दुरुपयोग रोका जा सके।

एक स्वतंत्र नियामक प्राधिकरण स्थापित हो, जो भारत में ई-कॉमर्स को नियंत्रित और मॉनिटर करे।

झारखंड CAIT के संरक्षक प्रभात शर्मा ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था, व्यापारी और उपभोक्ता कुछ गैर-जवाबदेह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की मनमानी के शिकार नहीं बन सकते। उन्होंने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप कर डिजिटल व्यापार को सुरक्षित, पारदर्शी और नैतिक बनाए रखने की अपील की। यह मुद्दा न केवल व्यापारिक हितों से जुड़ा है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और उपभोक्ता विश्वास के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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