डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : कल्याण विभाग की समीक्षात्मक बैठक गुरुवार को समाहरणालय सभागार में आयोजित की गई। परियोजना निदेशक आईटीडीए व उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान द्वारा विभागीय योजनाओं में प्रगति की समीक्षा की गई। उन्होने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ ससमय बच्चों को मिले, ड्रॉपआउट बच्चे वापस स्कूल से जुड़ें इस दिशा में सार्थक पहल करें। प्री मैट्रिक व पोस्ट मौट्रिक छात्रवृत्ति की समीक्षा में वैसे छात्र जिन्हें बैंक खाता में त्रुटि या एनपीसीआई मैपिंग के कारण भुगतान नहीं हो पाया है, बैंक शाखा से समन्वय स्थापित कर जल्द भुगतान का निर्देश दिया गया। सभी बीईईओ को एलडीएम ने जानकारी दी कि बच्चों के आधार में बायोमीट्रिक अपडेशन करायें। आधार निष्क्रिय होने पर एनपीसीआई मैपिंग नहीं होगा जिससे छात्रवृत्ति भुगतान में आगे भी समस्या आएगी। वहीं कुछ छात्रों के बैंक खाता में त्रुटि के कारण भी छात्रवृत्ति राशि भुगतान नहीं होने की बात सामने आई। उप विकास आयुक्त ने कहा कि आपसी समन्वय से उक्त समस्याओं का त्वरित समाधान करें जिससे बच्चों के छात्रवृत्ति राशि का भुगतान किया जा सके।
साइकिल वितरण को लेकर परियोजना निदेशक आईटीडीए ने कहा कि जितने साइकिल फिट होकर तैयार हैं उसे जनप्रतिनिधि की उपस्थिति में जल्द से जल्द वितरण सुनिश्चित करें। जिन प्रखंडों में अतिरिक्त साइकिल फिटर हैं उन्हें दूसरे प्रखंडों में भेजे जाने का निदेश दिया गया ताकि साइकिल वितरण के कार्य में अपेक्षित प्रगति लाई जा सके।
बैठक में शिक्षकों व बच्चों की उपस्थिति ई विद्यावाहिनी के माध्यम से हो इसे सुनिश्चित करने की बात कही गई। 89 शिक्षक का ऑनलाइन उपस्थिति शून्य पाया गया। ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं कराने वाले शिक्षकों के वेतन कटैती का निर्देश दिया गया। बैठक में विद्यालयों में भेजे गये ग्रांट की राशि का शत-प्रतिशत व्यय, पोषाक का वितरण, डायस में नामांकन, समग्र शिक्षा अभियान व अपार कार्यक्रम के तहत सभी छात्र, छात्राओं को जोडने का निदेश दिया गया।
पोषाक वितरण में शत प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त किए जाने का निदेश दिया गया। सीएम स्पेशल स्कॉलरशिप के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 7366 बच्चों को राशि डीबीटी की जानी है। योजना के तहत लगभग 78 फीसदी बच्चों को राशि डीबीटी की गई है, शत प्रतिशत बच्चों को जल्द से जल्द योजना से आच्छादित किए जाने का निदेश दिया गया। बैठक में स्कूलों में पेयजल, बिजली, शौचालय व अन्य मूलभूत सुविधाओं के उपलब्धता की भी समीक्षा की गई। विद्यालय ग्रांट की राशि से जरूरी बुनियादी सुविधाओं को बेतहर किए जाने तथा स्कूलों के बेहतर रखरखाव, परिसर की साफ-सफाई, पौधारोपण करने का निदेश दिया गया।